You are visitor No.

शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Tuesday, 31 December 2013

आप सभी को हमारी ओर से नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनायें ...

शिर्डी के साईं बाबा

ॐ सांई राम



शिर्डी के साईं बाबा

बाबा के महासमाधि लेने से कुछ समय पूर्व जब शिर्डी के भोले भले नागरिकों ने अपने मसीहा करुणावतार साईं जी से पूछा : बाबा !! जब आप हमारे बीच नहीं रहेंगे, तो हम क्या करेंगे? किसके पास अपना दुःख दर्द ले कर जायेंगे? कौन हमारी सहायता करेगा?
तब बाबा ने उन्हें आश्वासन दिया था, "एक देह त्यागकर, मैं अनंत देहों में तुम्हे मिलूँगा | मैं पग पग पर तुम्हारे साथ चलूँगा |  मेरी समाधी चिर काल जीवंत रहेगी | जो एक बार उसकी सीढ़ियाँ  चड़ेगा, उसकी रक्षा का जिम्मा मेरा होगा | मेरे द्वार से कोई निराश नहीं जाएगा |

बाबा के दिए उक्त आश्वासन  की प्रतीति आज देश - विदेश में अनगिनित व्यक्ति नित्य प्रति अपने जीवन में कर रहे है और वह बाबा की ओर ऐसे खिंचे चले आ रहे है जैसे चिड़िया के पैर में डोरी बांध कर, बाबा ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया हो |

बाबा अपनी लीला अनेकानेक ढंग से दिखाते है | किसी को सशरीर दर्शन दे कर, किसी को स्वपन अवस्था में दृष्टान्त देकर, किसी को किसी और रूप में अपनी उपस्थिति का अहसास करा कर, अपनी नगरी शिर्डी बुला लेते है और तत्पश्चात उसके जीवन का समस्त भार अपने ऊपर ले कर, उसे आध्यात्मिक राह पर चलने को प्रोत्साहित करते है |

ऐसे अनगिनित दृष्टान्त नित्य प्रति घटित हो रहे है और किवदंतियों के रूप में चारों ओर सुने जा सकते है | फलस्वरूप बाबा के भक्तों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी होती जा रही है |

शिर्डी  के साईं - समर्थ की गाथा इतिहास के पन्नो में छिपी कोई कहानी नहीं है | बाबा मात्र 92 वर्ष पूर्व सशरीर इस पृथ्वी पर चलते फिरते देखे गए थे | उन्होंने अपना पार्थिव शरीर विजय दशमी, 15 अक्टूबर 1918 को दोपहर के ठीक 2 :30 बजे ही त्यागा था | 
        





Monday, 30 December 2013

सांई नाम ले

ॐ सांई राम




क्या भरोसा जिन्दगी का सांई नाम ले
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले


लोभ मोह क्रोध रहते है सब यहाँ
मरता है शरीर लेकिन मरती नहीं आत्मा
क्या भरोसा जिन्दगी का सांई नाम ले
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले......

होती है सुबह और आती है शाम
बोले मुख से क्यों ना तू सांई नाम है 
क्या भरोसा जिन्दगी का सांई नाम ले
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले......

माला फेरने से जीवन कट जायेगा
कर ले कर ले भक्ति तू मुक्ति पायेगा
क्या भरोसा जिन्दगी का सांई नाम ले
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले.......


होगा तेरा फैसला सांई के सामने
डरता है तू क्यों सांई के नाम से
क्या भरोसा जिन्दगी का सांई नाम ले
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले....



Om Sai Ram Ji

Sunday, 29 December 2013

मेरा सांई है रखवाला |

ॐ सांई राम

कोई कहे सांई कृष्ण कन्हैया,
कोई कहे सांई राम रमैया



कोई कहे अल्लाह ताला,
मेरा सांई है रखवाला |



शिरडी में चमत्कार दिखाये

मन्दिर में शिव पूजन जाये |

मस्जिद में कुराण पढ़ाये,

ऐसा है वो निराला,
मेरा सांई है रखवाला |


कोई कहे सांई कृष्ण कन्हैया,
कोई कहे सांई राम रमैया |



कोई कहे अल्लाह ताला,
मेरा सांई है रखवाला |




सारे जग से सुन्दर सांई |

अठारह कला सम्पूर्ण सांई |



जिसने सबकी बिगड़ी बनायी |

मेरा शिरडी वाला,
मेरा सांई है रखवाला |



कोई कहे सांई कृष्ण कन्हैया,
कोई कहे सांई राम रमैया |



कोई कहे अल्लाह ताला,
मेरा सांई है रखवाला |



सारा जग है सांई दीवाना |

सबने इनको ईश्वर माना |



शिरडी जा के फूल चढ़ाना |

ऐसा है वो निराला,
मेरा सांई है रखवाला |



कोई कहे सांई कृष्ण कन्हैया,
कोई कहे सांई राम रमैया |



कोई कहे अल्लाह ताला,
मेरा सांई है रखवाला |

Om Sai Ram Ji



Friday, 27 December 2013

साईं जी को याद करते हैं हम

ॐ साईं राम


साईं  जी के मंदिर  जब  जाते  हैं  हम,
तो  बस  देखेते  ही रह जाते  हे  हम|
जो  मांगना  होता  हैं,  
वो  भूल  जाते  हैं  हम|
घर  लौटते  ही,
साईं जी को  याद  करते  हैं हम|
फिर से  उनका  दर्शन,
करना  चाहते  हैं  हम|
थोड़ी  देर  के  लिए  ऑंखें  बंद  करके,
उनका  ध्यान  करते  है हम|
साईं  का  ध्यान  करते  ही,
भूल जाते  हैं अपने आप को भी हम|
के हंस हंस के भी उनके चरणों में,
अपनी जान  दे दे  हम|



Om Sai Ram Ji

Thursday, 26 December 2013

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय-5


ॐ सांई राम

आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय-5
--------------------------------
चाँद पाटील की बारात के साथ श्री साई बाबा का पुनः आगमन, अभिनंदन तथा श्री साई शब्द से सम्बोधन, अन्य संतों से भेंट, वेश-भूषा व नित्य कार्यक्रम, पादुकाओं की कथा, मोहिद्दीन के साथ कुश्ती, मोहिद्दीन का जीवन परिवर्तन, जल का तेल में रुपान्ततर, मिथ्या गरु जौहरअली ।



-----------------------------------------

जैसा गत अध्याय में कहा गया है, मैं अब श्री साई बाबा के शिरडी से अंतर्दृान होने के पश्चात् उनका शिरडी में पुनः किस प्रकार आगमन हुआ, इसका वर्णन करुँगा ।

Wednesday, 25 December 2013

Wishing you all A Merry Christmas


ॐ सांई राम
Christmas is not a time nor a season,
but a state of mind.
To cherish peace and goodwill,
to be plenteous in mercy,
is to have the real spirit of Christmas.