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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Friday, 28 February 2014

थे सब बनिये बहुत घमन्डी

ॐ साईं राम

है यह उस समय की बात...
है यह उस समय की बात
बनिये ने किया इन्कार
बाबा को दिया नहीं
एक बूँद भी तेल इस बार
थे सब बनिये बहुत घमन्डी॥
पुछे सब मस्जिदमाई
सोचा कैसे जलाएगा दिया यह बाबा सांई॥
पीके कुछ बून्द तेल की
उलेट दिया उसे मटकी में
डाला दियो में तेल नहीं वो जल
और चमत्कार से जल उठे दिये




जल उठा उनका भी अहन्कार
मान ली बनियों ने अपनी हार
रहे गये सभी हाथ अपने मल॥
सिखाया बाबा ने उनको नम्रता क पाठ
हुई बाबा की बहुत जय जयकार
है यह उस समय की बात
है यह उस समय की बात

Thursday, 27 February 2014

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 14

ॐ सांई राम



आप सभी को साँई रसोईं छत्तरपुर की ओर से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं, हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है | हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा | किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 14
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Wednesday, 26 February 2014

पर, बाँट दी अपनी आयु उसने.....

ॐ साईं राम

सदियों तक जीना था जिसने....
 
पर, बाँट दी अपनी आयु उसने.....
 
96 साल पहले ले तो ली समाधी.....

 
फिर भी दूर कर रहे हो लोगों की व्याधि....
 
आप आये हमेशा जब भी कोई बुलाता है....
 
मेरा ये नादान मन फिर क्यूँ घबराता है.....
 
आज भी मन घबराया है और हूँ बहुत उदास....
जानता हूँ मैं भी, आप भी हो यही आस-पास.......
आओ मेरे बाबा, दर्शन दे कर बुझा दो, अपने बच्चों की प्यास....

Tuesday, 25 February 2014

"साईं राम मेरा सत्यगुरु"

ॐ सांई राम


 "साईं की लीला सुने,
कर साईं का ध्यान,
भक्ति सद्गुरु साईं की,
त्याग सकल अभिमान"
"साईं राम मेरा सत्यगुरु"

श्री साईं सच्चरित्र संदेश,

"वे (श्री साईं बाबा) न तो किसी जानवर की बलि चाहते थे और न ही चढ़ावे में धन की कामना करते थे | उन्हें तो सच्चे प्रेम, श्रद्धा और विश्वास की भूख थी, जिसके होने पर उनके सभी कष्ट नष्ट हो सकते थे |"

Monday, 24 February 2014

बाँट लो हर ख़ुशी

ॐ साईं राम

 दर्द कैसा भी हो आंख नम न करो
रात काली सही कोई गम न करो
एक सितारा बनो जगमगाते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
बांटनी है अगर बाँट लो हर ख़ुशी
गम न ज़ाहिर करो तुम किसी पर कभी
दिल कि गहराई में गम छुपाते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
अश्क अनमोल है खो न देना कहीं
इनकी हर बूँद है मोतियों सी हसीं
इनको हर आंख से तुम चुराते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
फासले कम करो दिल मिलाते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो..
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मुझे जितना दिया साईं ने, उतनी तो मेरी औकात न थी !!
ये तो करम है मेरे साईं का, वरना मुझमे तो ऐसी कोई बात न थी

Sunday, 23 February 2014

यह द्वारकामाई सबकी माई है

ॐ श्री साँई राम जी
जय हो जय हो द्वारकामाई |
यहाँ साईं ने पानी से दिये जलाये है
अपने चमत्कार दिखाये है
श्रद्धा सबुरी का पाठ पढाये है
सबका मालिक एक की बात बताये है
जय हो जय हो द्वारकामाई |
यहाँ सबकी झोली भरती है
यह सबका पेट भरती है
यह द्वारकामाई सबकी माई है
जय हो जय हो द्वारकामाई |
यह ग्यारह वचन निभाती है
सबकी बिगरी बनाती है
मन मैं विशवास रखो मेरे भाई
इसके दर्शन करो भाई
जय हो जय हो द्वारकामाई
 
शिर्डी का सच्चा दरबार
जय साईं राम
शिर्डी का सच्चा दरबार
शिर्डी का सच्चा दरबार है
यहाँ रहते साईं सरकार है
सच्चे मन से जो भी जाये
उसका बेडा पार है
शिर्डी का सच्चा दरबार है |
समाधी मंदिर से चावडी तक
पालकी निकलती हर वीरवार है
ढोल नगारे के साथ भक्त नाचते
बाबा की होती जय जय कार है
शिर्डी का सच्चा दरबार है
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
सब मिल कर मनाते हर त्यौहार है
झूम झूम कर सभी नाचते
मानो शिर्डी में आई बहार है
शिर्डी का सच्चा दरबार है

Saturday, 22 February 2014

बांह पकड़ ले शिर्डी वाले

ॐ साईं राम
डूब रही है मेरी कश्ती बीच मझधार रे 
बांह पकड़ ले शिर्डी वाले ओ मेरी सरकार रे
नहीं दिया मुझे किसी ने सहारा आया तेरे द्वार रे
जीवन है एक ऐसी नैया जिसका तू है साईं खिवेइया
थाम ले मेरी डूबती कश्ती की तू आके पतवार रे
सबको तुने भव से तारा मुझको भी तू तार रे
नीम के नीचे डेरा लगाया शिर्डी को तुने स्वर्ग बनाया
अपने गुरु का मान बढाकर किया उसका सत्कार रे
पानी से तुमने दीप जलाए किया ऐसा चमत्कार रे
डूब रही है मेरी कश्ती बीच मझधार रे
बांह पकड़ ले शिर्डी वाले ओ मेरी सरकार रे

Friday, 21 February 2014

अगर छोड बैठू में दामन तुम्हारा

ॐ साईं राम


 अगर हाथ रख दे मेरे सर पे साईं
 
मुझे फिर किसी की ज़रूरत नहीं है |
 
बिठाले अगर अपने चरणो में हर दम
 
किसी भी ख़ुशी की ज़रूरत नहीं है ||
 
ये फूलों कि दुनिया, ये खारों की दुनिया
 
ये लालच में भटके विचारों की दुनिया |
 
अगर पी सकूँ साईं मस्ती का अमृत
 
किसी बेखुदी की ज़रूरत नहीं है ||
 
अगर हाथ रख दे मेरे सर पे साईं
 
मुझे फिर किसी की ज़रुरत नहीं ||
 
दया कि है तुमने तो, हर बार कर दो
 
मेरी ज़िन्दगी पे ये उपकार कर दो |
 
अगर छोड बैठू में दामन तुम्हारा

तो इस ज़िन्दगी की ज़रूरत नहीं है ||

Thursday, 20 February 2014

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 13

ॐ सांई राम




आप सभी को साँई रसोईं छत्तरपुर की ओर से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |

हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 13
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अन्य कई लीलाएँ - रोग निवारण
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1. भीमाजी पाटील
2. बाला दर्जी
3. बापूसाहेब बूटी

4. आलंदीस्वामी
5. काका महाजनी

6. हरदा के दत्तोपंत ।

Wednesday, 19 February 2014

मेरे सांई....मेरी खुशी भी तुम से.....

ॐ सांई राम



बाबा.......मेरे सांई....
तुम ही तुम हो...मेरे सांई....
मेरे सांई....बस तुम ही तुम...
मेरी सुबह भी तुम...मेरे सांई....


मेरे सांई....मेरी शाम भी तुम...
जहां देखूं बस तुम ही तुम मेरे सांई....,
मेरे सांई....सूरज में...
मेरे सांई....आकाश में...
मेरे सांई....चाँद में...
मेरे सांई....तारों में...
मेरे सांई....मेरी नज़र जहां तक
बस मेरे सांई....तुम ही तुम...
मेरे सांई....मेरा प्यार,
मेरे सांई....मेरी मुस्कराहट,
मेरे सांई....मेरी उम्मीद,
मेरे सांई....मेरी आरज़ू,
मेरे सांई....मेरे सपने,
मेरे सांई....मेरी रोशनी ...मेरे सांई....मेरी हंसी भी तुमसे,

मेरे सांई....मेरी खुशी भी तुम से,
मेरे सांई....मेरे सुख भी तुम,
मेरे सांई....मेरे दुख में भी तुम,
बस तुम ही तुम.....मेरे सांई....

Tuesday, 18 February 2014

जब तक रहूं मैं ज़िन्दा इज़्ज़त की भीख़ देना

ॐ सांई राम



तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूं


तुम सबके राज़दां हो हर दिल की जानते हो
फ़िर भी ये हाले दिल मैं तुमको सुना रहा हूं
मुझसे सहा न जाये अब ग़म ये ज़िन्दगी का
नन्हीं सी जाँ पे कैसे सदमे उठा रहा हूं


जब तक रहूं मैं ज़िन्दा इज़्ज़त की भीख़ देना
ये आस लेके साँई तेरे दर पे आ रहा हूं
दीदार की तलब से हाज़िर हुआ है बन्दा
मुद्द्त से मेरे साँई तेरे दर पे आ रहा हूं
तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूं

Monday, 17 February 2014

चरण चाकरी दे देना

ॐ साईं राम


साईं तुम्हारे खाते में नाम हमारा लिख लेना,,

चरण चाकरी दे देना अपनी शरण में ले लेना...


तेरी पूजा तेरी भक्ति, देती है जीने की शक्ति..

तुझको शत-शत है प्रणाम, मिलकर बोलो साईं राम...

Saturday, 15 February 2014

Flights to Shirdi very soon...

The work on the much awaited Shirdi Airport which has been going on since few years, is now in its final stage.
The Airport, which is coming up on 400 hectare land at Kakadi village, 11 km from Shirdi, 
 is now slated to be completed in March 2014, 
for which the Maharashtra Airport Development Company is working in full swing.

The project, estimated to cost Rs.300 crore had commenced in 2010. 
The Sai Baba Temple Trust has provided Rs.45 crore for the airport. 

The project was implemented in five parts:
1) Construction of a road from the shrine to the airport; 
2) Ensuring water supply from the West Godavari Canal up to the project site; 
3) Shifting of a 33 kV electricity cable away from the airport site; 
4) Development of the airstrip; 
5) Construction of the terminal building and other required facilities. 



The construction of the 60 metre's wide and 2,000 metre's long single runway 
and a 10-ft high, 11-km boundary wall has also been completed.
A two-lane road from Shirdi to the Airport is also constructed. 

However, the work on the Airport's Terminal Building and the Air Traffic Control Building is in progress & is expected 
to get over by the end of March`2014, after which the Airport will be thrown open for public use in May`2014.

Till then, from January`2014, permission has been given to Private Jets/Helicopters of VIP's & or Industrialists 
to make use of the runway for take-off and landing purposes while visiting Shirdi.

Tentative Flight Schedule to Shirdi:
There will 10 Flights Daily to Shirdi.
1) Mumbai - Shirdi : Daily 2 Flights
2) Delhi - Shirdi : Daily 1 Flight
3) Ahmedabad - Mumbai - Shirdi : Weekly 4 Times
4) Mumbai - Shirdi - Hyderabad : Daily 2 Flights
5) Bengaluru - Pune - Shirdi : Daily 2 Flights
6) Shirdi - Mumbai - Tirupati : Daily 1 Flight

Devotees estimated to fly to Shirdi every year:
From Mumbai - 2.5 lakh people.
From Hyderabad - 3 lakh people.
From Delhi, Surat, Ahmedabad, Bengaluru - 80,000 to 1 lakh devotees.

Source: http://maharashtratimes.com

Friday, 14 February 2014

साँई माँ....!!

ॐ साईं माँ
  
हम ने न जाना  क्या  होती  है माँ,

दर्द हमे होता है तो रोती है माँ |

ख़ुश हम हों तो सकून से सोती है माँ,

जो हमारी ज़िन्दगी को संवार दे,

जो हम पे  सारी  खुशियाँ  निसार दे,

जो सब कुछ छोड़ के हमें प्यार दे,

सागर का वो अनमोल मोती है माँ |

कदर कर लो ऐ नादानों माँ की जन्नत में, 

हम से पहले दाख़िल होती है माँ |

Thursday, 13 February 2014

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय - १२

ॐ सांई राम


आप सभी को साँई रसोईं छत्तरपुर की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं। हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है । हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा। किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय - १२
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काका महाजनी, धुमाल वकील, श्रीमती निमोणकर, मुले शास्त्री, एक डाँक्टर के द्घारा बाबा की लीलाओं का अनुभव ।
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इस अध्याय में बाबा किस प्रकार भक्तों से भेंट करते और कैसा बर्ताव करते थे, इसका वर्णन किया गया हैं ।

Wednesday, 12 February 2014

साँई जी दे नाल किनारे ही किनारे ने ....

ॐ साईं राम

साईं दा जे आसरा होवे नजारे ही नजारे ने ..
साईं दी जे मेहर हो जावे सहारे ही सहारे ने ...
ओ बेडी डुब नही सकदी जिदा बाबा तू मल्ला होंवे ..
ओनु मझदार दे अंदर किनारे ही किनारे ने ....
 जेडे करदे गुरां नाल प्यार ओ प्यारे लगदे ने
जेडे आंदे तेरे दरबार ओ प्यारे लगदे ने ...
सेवा करदे कदे नही थक्दे
मैल दिल्लां विच कदे नही रखदे
जेडे करदे संगत नाल प्यार ओ प्यारे लगदे ने 

Tuesday, 11 February 2014

दिन की शुरुवात होती लेकर तेरा नाम...

ॐ सांई राम


साईं की महिमा
दूर खड़ा तू देख रहा
सबके मन का भाव
पल भर में तू कर दे
पूरी मन की आस |
आस बन जाती
दिल का एक अरमान
दिन की शुरुवात होती
लेकर तेरा नाम |
तेरा नाम जप कर
दिल हो जाए मालामाल
तेरी किरपा से
खुल जाए स्वर्ग के दरबार |
हर दरबार की चादर में
जड़े हुए है हीरे मोती
जिसकी चमक से
मिल जाती मन को मुक्ति |

मन की मुक्ति पाकर
मिल जाए साईं का आशीष
आत्मा तृप्त हो जावे
मिल जावे दिल को आराम |
दिल का आराम पाकर
धन्य हो जावे जीवन
जिसकी करूणा कथा को पढ़कर
दिल हो जावे बेकरार |
बेकरार दिल एक ही गाथा गावे
जय साईंराम, जय-जय साईंराम |||

Monday, 10 February 2014

अपना बनाया साईं ने

ॐ साईं राम


दर दर मैं तो भटक रहा था …
दर दर मैं तो भटक रहा था …
अपना बनाया साईं ने |
कई जन्मो से तड़प रहा था ...
अपना बनाया साईं ने ...
मुझे अपनाया साईं ने |


 ख़ुद खाया तो क्या खाया,
अपनी  भूख  बुझाय |
जो भूखों को खाना दे,
वो साईं को भाये |
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Sunday, 9 February 2014

आज तेरे दर पर आया हूँ

ॐ सांई राम



बाबा मुझे भी इंसान बना दो
तुम्हारे दर पर खड़ा हूँ
थक गया हूँ जीवन से
सर से सारा भार उतार दो
झूठ , फरेब ,क्रोध , मोह के
चक्रव्यूह में फसा हुआ हूँ
माया के जाल से
मुझे आज मुक्त करा दो
जीवन की तीखी धूप ने
मेरी भावनाओं को झुलसा दिया है
इस तपती धूप पर
अपनी ठड़ी छाव बिछा दो
करूणा, क्षमा का वास
जीवन से मिट गया है
इस कठोर दिल को
दया का पाठ पड़ा दो
धन दौलत की आस ने
बिखेर दिया है मुझे
इस टूटे हुए आईने को
समेट लो अपने हाथो में
 

आज तेरे दर पर आया हूँ
खाली ना लौट के जाऊगा
तेरे विश्वास को अपनी
आत्मा में बसाऊगा
तुझे अपना बनाऊगा
जीवन की हर ठोकर खायी है मैंने
अब ना अपनी गलती दोराहुगा
थाम लुगा तेरा आचल
और इंसान बनके जाऊगा

Saturday, 8 February 2014

मुझ को अपना दास बना लो ............

ॐ साईं राम


ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, तुझ बिन काटे कौन ओ साईं मेरे दुखों के घेरे |
ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे |
मुझ को अपना दास बना लो, दर दर की ठोकर से बचा लो |
मैं हूँ ज़माने का ठुकराया, मुझ पे करो करुणा की छाया |
         मेरे दिन भी फेरो साईं, लाखों के दिन फेरे |
ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे |
न मांगूं मैं चांदी सोना,  मुझ को नहीं दौलत का रोना |
बस इतनी सी अर्ज़ सुनो ना, दे दो चरणों में इक कोना |
ज्ञान की ज्योत जला दो मन में, कर दो दूर अंधरे |


ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे |

Friday, 7 February 2014

श्री दास गनु का प्रयाग स्नान

ॐ साईं राम


बाबा के अनेक भक्त थे जिनमे से एक दास गनु थे दास गनु ने बाबा की कीर्ति अपने भजन कीर्तनो से लोगो के पास पहुंचाई | एक बार दास गनु को गंगा स्नान का विचार आया, तब वह बाबा के पास गंगा स्नान करने के लिए काशी जाने की अनुमति लेने गए, तब बाबा ने कहा, इतनी दूर व्यर्थ भटकने की क्या आवश्यकता है, अपना काशी तो यही है, बस तुम मुझपर विश्वास रखो, और जैसे ही दास गनु बाबा के चरणों में नत हुए तब बाबा के चरणों से गंगा, यमुना की धरा बहने लगी, यह चमत्कार देखकर दास गनु की भक्ति और प्रेम और अधिक बढ़ गया और उनकी आँखों से अश्रु धरा बहने लगी !!

जिस प्रकार नदी पार करते समय हम नाविक पर विश्वास रखते है उसी प्रकार का विश्वास भवसागर से पार होने के लिए हमे सदुगुरु पर रखना चाहिए !!

!! अनंतकोटि ब्रह्माण्ड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रह्म
श्री सच्चिदानंद समर्थ  सद्गुरु श्री साईं नाथ महाराज की जय  !!

Thursday, 6 February 2014

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 11

ॐ सांई राम

आप सभी को साँई रसोईं  छत्तरपुर की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा
किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 11

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सगुण ब्रहम श्री साईबाबा, डाँक्टर पंडित का पूजन, हाजी सिद्दीक फालके, तत्वों पर नियंत्रण ।
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इस अध्याय में अब हम श्री साईबाबा के सगुण ब्रहम स्वरुप, उनका पूजन तथा तत्वनियंत्रण का वर्णन करेंगे । 


Wednesday, 5 February 2014

सद्गुरु साईं जी का साथ रहे..

ॐ सांई राम


जिंदगी में सिमरन की मिठ्ठास रहे
अपने सद्गुरु पे पूरा विश्वास रहे
कहने को तो दुखों की नगरी है ज़िन्दगी 
पर ख़ुशी से कट जावे अगर
सद्गुरु साईं जी का साथ रहे..


श्री साईं शरणम्,
ॐ सांई मंगलम्,
सांई नाम मंगलम्.
पावन भूमि शिरडी
सांई धाम मंगलम्...


जो शिरडी में आयेगा,
आपद दूर भगाएगा ।। 1 ।।
चढे समाधि की सीढ़ी पर,
पैर तले दुःख की पीढ़ी पर ।। 2 ।।
त्याग शरीर चला जाऊंगा,
भक्त-हेतु दौड़ा आऊंगा ।। 3 ।।
मन में रखना दृढ़ विश्वास,
करें समाधि पूरी आस ।। 4 ।।
मुझे सदा जीवित ही जानो,
अनुभव करो सत्य पहचानो ।। 5 ।।
मेरी शरण आ खाली जाये,
हो तो कोई मुझे बताये ।। 6 ।।

जैसा भाव रहा जिस जन का,
वैसा रुप हुआ मेरे मन का ।। 7 ।।
भार तुम्हारा मुझ पर होगा,
वचन न मेरा झूठा होगा ।। 8 ।।
आ सहायता लो भरपूर,
जो मांगा वह नही हैं दूर ।। 9 ।।
मुझ में लीन वचन मन काया,
उसका ऋणन कभी चुकाया ।। 10 ।।
धन्य-धन्य वह भक्त अनन्य,
मेरी शरण तज जिसे न अन्य ।। 11 ।।

Tuesday, 4 February 2014

हम सब साईं के रंग में झूमें...

ॐ सांई राम



ॐ नाम प्रथम भगवान का...
जो उपजे यह संसार...
हर मंत्र शुरूआत है ॐ गूंज के साथ...
शांति प्रधान करे संसार को...
सब से महान ॐकार...
आओ सब मिलके गूंज लगाओ
ॐकार साईं नाथ....

साईं तुम ही जानो, तुम ही समझो...
क्या मुझ को हितकर है,
मैं तेरा चाकर हूँ, तुम मेरे ठाकुर हो
मेरा सब भार साईं बस तुम पर है...


दुखी दिलो का दाता साईं
साईं रंग में रंगते सब बहन-भाई
हम सब साईं के रंग में झूमें
साईं हमारे रंग में झूमें
जय जय जय साईं दाता हमारा
मैं हूँ एक भक्त तुम्हारा

Monday, 3 February 2014

मेरे साई के उजालो

ॐ श्री साँई राम जी


साई के उजालो,
मेरे साई के उजालो .
आँखों में सिमट आओ
अंधेरो को निकालो ..

महफ़िल में तेरी आये
तो हम एक हुए हैं .
रस्ते पे तेरे चल के
सभी नेक हुए हैं .
हर पग पे सम्भाला है
तो आगे भी संभालो ..
साई के उजालो .............

बरसों से तुम्हें दिल
की नज़र से ढूंढ़ रही है .
जिस घर में छिपे हो
वो ही घर ढूंढ़ रही है .
परदों से निकलकर
मुझे आँचल में छिपालो ..
साई के उजालो ...........

Sunday, 2 February 2014

साँई जी पर पूर्ण विश्वास रखो...!!

ॐ श्री साँई राम जी  

 

"मुझ पर पूर्ण विश्वास रखो | यधपि मै देहत्याग भी कर दूँगा, परन्तु फिर भी मेरी अस्थियाँ आशा और विश्वास का संचार करती रहेंगी | केवल मै ही नहीं, मेरी समाधि भी वार्तालाप करेगी, चलेगी, फिरेगी, ओर उन्हें आशा का सन्देश पहुँचाती रहेगी, जो अनन्य भाव से मेरे शरणागत होंगे | 

निराश न होना कि मै तुमसे विदा हो जाऊँगा | तुम सदैव मेरी अस्थियों को भक्तों के कल्याणार्थ ही चिंतित पाओगे | यदि मेरा निरंतर स्मरण और मुझ पर दृढ विश्वास रखोगे तो तुम्हें अधिक लाभ होगा | "