शिरडी वाले सांई बाबा तू ही है एक हमारा जो भी दर पर आता तेरे मिलता उसे सहारा तेरी लग्न लगाके जोत जलाके भूल गयी भूल गयी ओ मैं तो भूल गयी भूल गयी भूल गयी ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गयी -2
सुबह शाम शिरडी वाले में फेरो तेरी माला -2 तुझमें मन्दिर तुझमें मस्जिद तुझमें ही गुरुद्वारा तू है सारे जग का मालिक तू सारे जग का रखवाला तेरी भक्ति में ओ सांई भूल गयी भूल गयी भूल गयी रे ओ मैं तो भूल गयी भूल गयी भूल गयी ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गयी -2
अंधियारे को दूर करे पानी से दीप जलाये – 2 तेरे दर पे जो आये उसे सच्ची राह दिखाये उसको सब कुछ भी मिल जाये जो तुझमें खो जाये शिरडी वाले सांई बाबा दुनिया भूल गयी भूल गयी भूल गयी मैं ओ मैं तो भूल गयी भूल गयी भूल गयी ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गयी -2
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