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Wednesday, 31 October 2012

है दुःख भंजन हे साईराम


ॐ सांई राम

हे दुःख भंजन हे साई राम
पतित पावन है तेरा नाम
पतित पावन है तेरा नाम
सबका मालिक तू साई राम
है दुःख भंजन हे साईराम

इस दुनिया का तू है दाता
साई तू सबका भाग्य विधाता
घट घट का तू जनन्हारा
साई तू सबका पालनहारा
क्या दुर्बल और क्या बलवान
सबका मालिक तू साईराम
पतित पावन है तेरा नाम
हे दुःख भंजन हे साईराम

सबका के लिए तेरी दया का ख़जाना
सब तेरे अपने कोइना बेगाना
भूखे को भोजन प्यासे को पानी
देते तुम्ही हों साई महा दानी
क्या निर्धन और क्या धनवान
सबका मालिक तू साई राम
पतित पावन है तेरा नाम
हे दुःख भंजन हे साईराम

साई तेरे चरणों में झुक कर देखा
बदलते तुम हों भाग्य की रेखा
मिटटी को छूकर सोना हों करते ,
गागर में साई सागर भरते
परम पिता तुम हम सन्तान
सबका मालिक तू साईराम
पतित पावन है तेरा नाम
हे दुःख भंजन हे साईराम

खेल खिलौने जगत के सारे
तुम हों सबके सब है तुम्हारे
तेरे लिए कोई गैर न साई
तेरा किसी से बैर नही साई
तेरे लिए सब एक समान
सबका मालिक तू साईराम
पतित पावन है तेरा नाम
हे दुःख भंजन हे साईराम

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