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Wednesday, 21 November 2012

मस्जिद मन्दिर गुरुद्वारे में, साई तुम्ही हो समाये


ॐ सांई राम
जहाँ जहाँ मैं जाता साई
गीत तुम्हारे गाता, गीत तुम्हारे गाता

मेरे मन मन्दिर में साई, तुमने ही ज्योत जगाई
बिच भवर में उल्झी नैया, तुमने ही पार लगाई
इस दुनिया के दुखियारों से,तुमने है जोड़ा नाता
मैं गीत तुम्हारे गाता

साई मेरे तुम ना होते, हमें देता कौन सहारा
इस दुनिया की डगर डगर पर, मैं फिरता मारा मारा
जिसको किस्मत ठुकरा देती, तू उसके भाग जगाता,
मैं गीत तुम्हारे गाता

मस्जिद मन्दिर गुरुद्वारे में, साई तुम्ही हो समाये
गंगाजल और आबे जाम, तुमने ही एक बनायें,
मेरी बिनती सुन लो बाबा, कबसे तुम्हे बुलाता,
मैं गीत तुम्हारे गाता

जहाँ जहाँ मैं जाता साई
गीत तुम्हारे गाता, गीत तुम्हारे गाता
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