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Friday, 23 November 2012

मुझको साईं का दर चाहिए

ॐ सांई राम
 मुझको साईं का दर चाहिए मुझको साईं का दर चाहिए
प्यार की इक नज़र चाहिए मुझको साईं का दर चाहिए

धन की तलाश है न भवन की तलाश है, सूरज को ढूंढता हूँ किरण की तलाश है
सारी उम्र जो न खर्च हो वो माल चाहिए, कुछ भी मेरी दशा हो बाहर हाल चाहिए
मुझको साईं का दर चाहिए मुझको साईं का दर चाहिए

करतार मुझ गरीब का शिर्डी नगर में है, आकार दिव्य मुखड़े का मेरी नज़र में है
सारे जगत का प्यार मिले या नहीं मिले, बैकुण्ठ की बहार मिले या नहीं मिले
मुझको साईं का दर चाहिए मुझको साईं का दर चाहिए

दुनियाँ की शान ले के भला क्या करूँगा मैं, छोटा सा ये जहां बता क्या करूँगा मैं
मेरी पसंद छीन के ये लोभ और न दे, दुनियाँ का ऐश मुझको मेरे ईश्वर न दे
मुझको साईं का दर चाहिए मुझको साईं का दर चाहिए

साईं का मुझको शोक है रोगी हूँ साईं का, साईं से मुझको प्यार है जोगी हूँ साईं का
रिश्तों की डोर मेरे किसी काम की नहीं, चिन्ता मेरे भविष्य को अंजाम की नहीं
मुझको साईं का दर चाहिए मुझको साईं का दर चाहिए

दामन में जिंदगी के निराशा के फूल क्यूँ, भूला हुआ है मेरी वफ़ा के उसूल क्यूँ
दुनियाँ का मोह स्वर्ग की चाहत नहीं मुझे, भगवन किसी ख़ुशी की ज़रुरत नहीं मुझे
मुझको साईं का दर चाहिए मुझको साईं का दर चाहिए


===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===

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