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Monday, 17 December 2012

तुम ही बसे हो दिल में मेरे


ॐ सांई राम


क्या गुण गाऊं मैं तेरे बाबा

तुम ही बसे हो दिल में मेरे
...


मेरे प्यार की इन्तहा तुम हो

मेरे दर्द की दवा तुम हो

मेरे दिल की धड़कन तुम हो

मेरी राह की मंजिल तुम हो

मेरी आँखों का नशा तुम हो

मेरे चेहरे की हंसी तुम हो

मेरी रूह की प्यास तुम हो

बस तुम ही तुम बसे हो बाबा

मेरे जीवन के हर रंग मे तुम हो

सचिन (साँई का बेटा)..ॐ साँई राम जी...



आप सभी के लिये  साँई रसोई छत्तरपुर की एक और पेशकश

दिनांक 21 दिसम्बर 2012 से प्रत्येक शुक्रवार को हम आप के लिये भागवत गीता का एक अध्याय प्रस्तुत करने जा रहे है । आशा करते है की आप हमारे इस प्रयास को अवश्य स्वीकारेंगे एवं आप के आज तक के सहयोग एवं सराहना ने ही हमें आप के समक्ष इस महापुराण को सन्मुख करने की प्रेरणा दी है, हम आपके सहयोग के लिये आप सभी का आभार व्यक्त करते है

हम आशा करते है की आप किसी भी प्रकार की त्रुटी हेतु हमें ह्रदय से क्षमा प्रदान करेंगे..

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