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Wednesday, 2 January 2013

हे साईं दयाल मेरा अंत काल जब निकट मेरे आये

ॐ सांई राम

हे साईं दयाल मेरा अंत काल जब निकट मेरे आये
यमदूत को है देख मेरे प्राण ये घबराये




निकले मेरे मुख से साईं तेरा ही शुभ नाम
साईं राम साईं राम साईं राम साईं राम

 ममता का न हो बन्धन माया का नहीं हो दर्पण
आँखों में छवि हो तेरी अधरों पे साईं सुमिरन
तेरे ध्यान में हो मेरे जीवन की यह शाम
साईं राम साईं राम साईं राम साईं राम

मौत का हो डर न पीड़ा कष्ट को हरना
आजाना बन के माझी पार भव से करना
जन्म मरण का कोई फिर रहे न बाबा काम
साईं राम साईं राम साईं राम साईं राम

इक भक्त की अभिलाषा मनोभाव की ये भाषा
कर के कृपा हे साईं कर देना पूरी आशा
तन त्याग मैं जाऊँ अपने ही गुरु के धाम
साईं राम साईं राम साईं राम साईं राम

हे साईं दयाल मेरा अंत काल जब निकट मेरे आये
यमदूत को है देख मेरे प्राण ये घबराये
निकले मेरे मुख से साईं तेरा ही शुभ नाम
साईं राम साईं राम साईं राम साईं राम

===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===

बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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