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Monday, 7 January 2013

शिर्डी विच रहन वालेया, कदी टकरें ते हाल सुनावां

ॐ सांई राम
 
शिर्डी विच रहन वालेया, कदी टकरें ते हाल सुनावां
अक्ख लाई मैं जदों दी तेरे नाल, अक्ख लावां अक्ख न लग्गे
गल मुक्की न सज्जन (साईं) नाल मेरी, रब्बा तेरी रात मुक्क गई
शिर्डी विच रहन वालेया, कदी टकरें ते हाल सुनावां

मेरी खुल गई पटक दे के अक्ख नी, गली दे विचों कौन लंगेया
ऐवें खुली नहीं पटक देके अक्ख नी, गली चों मेरा साईं लंगेया
सानू भुल गई ख़ुदाई साईंयां सारी, तेरे नहीं ख्याल भुल्दे
शिर्डी विच रहन वालेया, कदी टकरें ते हाल सुनावां

आप यार (ईश्वर) बिना नहीं रहन्दा, लोकां नू कहन्दा चन्गी गल नहीं
वादा कर के सजन (साईं) नहीं आया, उडीकाँ विच रात लंग गई
राँझा (साईं) चौधवीं दे चन्न नालों सोहना, मायें की एहनु झात न लवीं
मायें की कराँ मैं तेरा साडा खैड़ा, राँझा ते मेरा रब्ब वरगा
शिर्डी विच रहन वालेया, कदी टकरें ते हाल सुनावां

===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===

बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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