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Wednesday, 1 January 2014

साँचा तेरा नाम

ॐ सांई राम



तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं,
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ

तुम सबके राज़दां हो हर दिल की जानते हो
फ़िर भी ये हाले दिल मैं  तुमको सुना रहा हूँ
तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूँ

मुझसे सहा न जाये अब ग़म ये ज़िन्दगी का
नन्हीं सी जाँ पे कैसे सदमे उठा रहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ

जब तक रहूँ मैं ज़िन्दा इज्ज़्त की भीख देना
ये आस लेके साँई तेरे दर पे आरहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ

दीदार की तलब से हाज़िर हुआ है बन्दा
मुद्द्त से मेरे साँई तेरे दर पे आरहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ

ॐ साँई राम साँई राम साँचा तेरा नाम


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