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Friday, 28 February 2014

थे सब बनिये बहुत घमन्डी

ॐ साईं राम

है यह उस समय की बात...
है यह उस समय की बात
बनिये ने किया इन्कार
बाबा को दिया नहीं
एक बूँद भी तेल इस बार
थे सब बनिये बहुत घमन्डी॥
पुछे सब मस्जिदमाई
सोचा कैसे जलाएगा दिया यह बाबा सांई॥
पीके कुछ बून्द तेल की
उलेट दिया उसे मटकी में
डाला दियो में तेल नहीं वो जल
और चमत्कार से जल उठे दिये




जल उठा उनका भी अहन्कार
मान ली बनियों ने अपनी हार
रहे गये सभी हाथ अपने मल॥
सिखाया बाबा ने उनको नम्रता क पाठ
हुई बाबा की बहुत जय जयकार
है यह उस समय की बात
है यह उस समय की बात

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