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Wednesday, 5 March 2014

मैं दास तुम दाता साईं

ॐ साईं राम
 मैं दास तुम दाता साईं
 
सबके भाग्य विधाता साईं,
 
हम भक्तों से खफा न होना
 
हर पल ये मनाता साईं.
 
सुख दुःख तो रीत है दुनिया की
 
पर तुम हो तो एक संबल है,
 
बाबा तेरे भरोसे कायम
 
हम भक्तों का आत्मबल है.
 
सर पे हाथ दया का धर दो
 
बाबा कहीं हौसला टूट न जाए
 
तेरे सहारे चलता हुआ रही
 
बीच राह कहीं लुट न जाए

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