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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Tuesday, 16 April 2013

श्री साईं लीलाएं - बूटी का रोग छूमंतर

ॐ सांई राम

कल हमने पढ़ा था.. बाबा जी का विचित्र आदेश


श्री साईं लीलाएं


बूटी का रोग छूमंतर
  

एक बार बापू साहब बूटी को अम्लपित्त का रोग हो गया| उन्होंने बहुत इलाज करवाया परन्तु कोई लाभ नहीं हुआ| रोग की वजह से वह इतने कमजोर हो गये कि अब वे मस्जिद जाकर बाबा के दर्शन कर पाने में खुद को असमर्थ पाने लगे| यह बात बाबा को भी पता चल गयी|

एक दिन बाबा ने बूटी को अपने पास बुलवाया और पास में बैठाकर बोले - "सावधान ! अब तुम्हें कभी उल्टियां या दस्त हुई तो समझ लेना तुम्हारा सामना मुझसे है| यह ध्यान रखना|" बाबा का संकेत बूटी की बीमारी की तरह था| बाबा के मुख से निकले उन शब्दों का ऐसा चमत्कारिक प्रभाव हुआ कि बूटी साहब का रोग उसी समय खत्म हो गया और वे पूर्णतया स्वस्थ हो गये|

यही बूटी एक बार हैजे की बीमारी का शिकार हो गए| बीमारी के कारण उन्हें बहुत तेज प्यास लगने लगी| डॉक्टरों से इलाज कराने पर जब कोई लाभ होता दिखाई न दिया तो अंतत: वे पुन: बाबा की शरण में जा पहुंचे और रोग-मुक्ति की विनती की|

उनकी विनती सुन बाबा ने कहा - "मीठे दूध में अखरोट, बादाम, पिस्ते उबालकर उस काढ़े का सेवन करो| वैसे यह काढ़ा प्राणघातक है| परन्तु बाबा की आज्ञा थी, इसलिए उन्होंने काढ़ा बनाकर सेवन किया तो रोग का समूल नाश हो गया|"

कल चर्चा करेंगे..बूटी का रोग छूमंतर     

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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