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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Sunday, 13 October 2013

भक्त परमानंद जी - जीवन परिचय


ॐ साँई राम जी

आप सभी को नव दुर्गा जी के नवरात्रों की हार्दिक शुभ कामनायें


भक्त परमानंद जी

भूमिका:

भक्त परमानंद जी अतीत ज्ञानी, विद्वान, हरि भक्त तथा कवि हुए हैं| 


परिचय:

आपका जन्म गाँव बारसी जिला शोलापुर में हुआ| आपका समय 1606 विक्रमी के निकट का है| जब भक्ति लय जोरो पर चल रही थी| आपने अधिकतर समय वृन्दावन में गुजारा| आप मुम्बई की तरफ के रहने वाले थे|


आपने उपदेश दिया:

हे मनुष्य! इतिहास की कथा सुनकर तुमने क्या किया| यह जो कथा कहानियाँ सुनी, वह नाशवान भक्ति है| सच्ची भक्ति तो तेरे अन्दर आई ही नहीं| सारी उमर डींगे मरता रहा| किसी भूखे को कमाई में से दान तक नहीं दिया| पराई निन्दा, क्रोध, लिंग वासना तो छोड़ी ही नहीं| यही बड़ी बीमारियाँ हैं| इसलिए तुमने जितनी भी भक्ति की वह भी व्यर्थ ही गई|

हे पुरुष तुम रहा रोकते रहे| ताक भी लगाई रखी| ताले तोड़ दिए| इन कामों ने परलोक में तुम्हारी निन्दा कराई और निरादर भी हुआ| तुम्हारे यह सारे कार्य मूर्खो वाले हैं| तुमने शिकार खेलना नहीं छोड़ा| जीव हत्या करते रहे| कभी पक्षी पर भी दया नहीं की| और तो और सतसंग में जाकर हरि यश नहीं सुना| तो बताओ तुम्हारा कल्याण कैसे होगा? इस प्रकार उन्होंने सबको उपदेश दिया|


साहित्य देन:

भक्त परमानंद जी के निम्नलिखित ग्रंथ मिलते हैं -

परमानंद सागर
परमदास पद
दान लीला
ध्रुव चरित्र

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