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Saturday, 25 August 2012

साईं शिर्डीपति अब रहम कीजिये

ॐ सांई राम

आये दर तेरे हम साईं कर दो करम
हो मसीहा बड़े बात में भी है दम
मेरी भी नाथ बिगड़ी बना दीजिये
साईं शिर्डीपति अब रहम कीजिये

दीन दाता हो तुम तुम दयावन्त हो
पीरों के पीर हो सन्तों के सन्त हो
जो भी आये शरण करते दुःख का हरण
करते परेशानी मुश्किल का तुम अन्त हो 
मेरी भी साईंबाबा खबर लीजिये
साईं शिर्डीपति अब रहम कीजिये

गुरुओं के हो गुरु नाथों के नाथ तुम
दुखी लाचारों का देते हो साथ तुम
बन्दगी में असर झुके हर कोई सर
पूरी करते हो भक्तों की हर बात तुम
हम को भी नाथ चरणी लगा लीजिये
साईं शिर्डीपति अब रहम कीजिये

नहीं दिखती है पर कृपा हो जाती है
झोली भी छोटी भक्तों की पड़ जाती है
न कमी कुछ मगर कितने करते गुज़र
कितनी माया यहाँ रोज़ बँट जाती है
मेरी भी और दाता नज़र कीजिये
साईं शिर्डीपति अब रहम कीजिये

आये दर तेरे हम साईं कर दो करम
हो मसीहा बड़े बात में भी है दम
मेरी भी नाथ बिगड़ी बना दीजिये
साईं शिर्डीपति अब रहम कीजिये

यह भजन बहन जास्मिन करण सिंह वालिया (Kuala Lumpur Malaysia) की भजन माला से आप तक लाया गया है | बाबा की कृपा इन पर सदा बनी रहे |

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