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Sunday, 26 August 2012

साईं मुझे क़दमों में जगह शामों सहर दे

ॐ सांई राम
साईं मुझे क़दमों में जगह शामों सहर दे
खाली है तेरे सामने दामन इसे भर दे


तेरी याद में रह के मैं हर इक शह को भुला दूँ
खतरों से भी खेलूँ तो हर इक भय को भूला दूँ
हर काम से पहले मेरा यह काम तो कर दे
साईं मुझे क़दमों में जगह शामों सहर दे

हर ओर अँधेरों ने मुझे घेर लिया है
अपनों ने भी ग़ैरों ने भी मुँह फेर लिया है
तू है जो हटा सकता है तक़दीर के परदे
साईं मुझे क़दमों में जगह शामों सहर दे

निर्बल पे तू दुनिया का सितम देख रहा है
इन्सान समझता है के इन्सान ख़ुदा है
इन्सान की शक्ति में तू थोडा सा तो डर दे
साईं मुझे क़दमों में जगह शामों सहर दे

माना मैं तुझे दिल के सिवा दे नहीं सकता
फिर भी मैं अगर माँगूँ तो क्या दे नहीं सकता
जो सिर्फ तुझे देखे मुझे ऐसी नज़र दे
साईं मुझे क़दमों में जगह शामों सहर दे
खाली है तेरे सामने दामन इसे भर दे

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