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Friday, 7 February 2014

श्री दास गनु का प्रयाग स्नान

ॐ साईं राम


बाबा के अनेक भक्त थे जिनमे से एक दास गनु थे दास गनु ने बाबा की कीर्ति अपने भजन कीर्तनो से लोगो के पास पहुंचाई | एक बार दास गनु को गंगा स्नान का विचार आया, तब वह बाबा के पास गंगा स्नान करने के लिए काशी जाने की अनुमति लेने गए, तब बाबा ने कहा, इतनी दूर व्यर्थ भटकने की क्या आवश्यकता है, अपना काशी तो यही है, बस तुम मुझपर विश्वास रखो, और जैसे ही दास गनु बाबा के चरणों में नत हुए तब बाबा के चरणों से गंगा, यमुना की धरा बहने लगी, यह चमत्कार देखकर दास गनु की भक्ति और प्रेम और अधिक बढ़ गया और उनकी आँखों से अश्रु धरा बहने लगी !!

जिस प्रकार नदी पार करते समय हम नाविक पर विश्वास रखते है उसी प्रकार का विश्वास भवसागर से पार होने के लिए हमे सदुगुरु पर रखना चाहिए !!

!! अनंतकोटि ब्रह्माण्ड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रह्म
श्री सच्चिदानंद समर्थ  सद्गुरु श्री साईं नाथ महाराज की जय  !!

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