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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Monday 31 March 2014

मैने लिख दी तेरे नाम अर्ज़ी....

ॐ साईं राम
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आदरणीय साईंबाबा जी,

                                 कैसे है आप . आप की कृपा से हम कुशल मंगल है . आज दिल करा आपको पत्र लिखने का . बाबा आपका मेरे जीवन में आना मेरी खुशनसीबी है . आप मेरे जीवन का वो अनमोल रतन हो जिसे में अपनी आँखों में और दिल में छुपा कर रखना चाहती हूँ . आपकी महानता , प्यार और विश्वास मेरी आत्मा में बसते है . आप मेरा स्वाभिमान हो . आपकी करूणा , दया , आशीर्वाद , संतोष , सबर मेरे जीवन का धन है . आपने अपने चरण कमलो में जगह देकर मेरा जीवन तार - तार कर दिया . आपकी दृष्टि मेरे मन को छु जाती है . आपका ममता भरा आचल मेरे जीवन की तीखी धूप को ठंडी छाव देता है . श्रद्धा और सबुरी का पाठ मुझे सही राह दिखाता है . साईंसत्चरित्र की लीलाए आपके होने का अहसास दिलाती है . कहते है भगवान को पाना आसान नहीं पर मेरा बाबा तो इतना कोमल और नरम है मेरी एक ही आवाज़ से दोड़े चले आते है . बाबा मुझे हमेशा अपनी छाया में रखना . मुझे इस संसार रुपी जाल से बचाकर रखना . हमेशा अपने आशीर्वाद की चादर मुझ पर मेरे परिवार पर और समर्पण परिवार पर बना के रखना | आपके चरणों में मेरा कोटि कोटि प्रणाम ...
                   आपकी पुत्री और पुत्र

बोलो सच्चिदानंद सद्गुरु साईंनाथ महाराज की जय !

Sunday 30 March 2014

एक अरदास साँई जी से....

ॐ साईं राम


 सदा सदा साईं पिता मन में करो निवास,

सच्चे हृदय से करूँ तुम से यह अरदास |

कारण करता आप हो सब कुछ तुमरी दात,

साईं भरोसे मैं रहूँ तुम ही हो पितु मातु  |

विषयों में मैं लीन हूँ पापों का नहीं अंत,

फिर भी मैं तो तेरा हूँ राख लियो भगवंत |

राख लियो हे राखन हारा साईं ग़रीब नवाज़,

तुझ बिन तेरे बाल के कौन सवारे काज |

दया करो दया करो दया करो मेरे साईं,

तेरे सिवा मेरा कौन है बाबा इस जग माहीं |

मैं तो कुछ भी नहीं हूँ सब कुछ तुम हो नाथ,

बच्चों के सर्वस्व प्रभु तुम सदा रहो मेरे साथ |

Saturday 29 March 2014

तेरे दर पे आया में बनके भिखारी

ॐ साईं राम

तेरे दर पे आया में बनके भिखारी,
दे दे या ठुकरा दे यह मर्ज़ी तुम्हारी |
दुनिया ने मुझको बिसराया,
आखिर तेरे द्वारे आया |
अपना ले हे देव दयालु,
चरणों में तेरे शीश झुकाया |

तरस रहे हैं तेरे प्यार को, भक्तों से क्यों  रूठे हो |
वादा करके भूल गए तुम साईं बड़े ही झूठे हो |
प्यासे जीवन में कर दे तू खुशियों की बरसातें |
  हंसकर कर ले साईं भक्तों से दो बाते |
हम  भक्तो  को  दे  दे  यह  प्यार  भरी  सौगातें |

Friday 28 March 2014

माँ की ममता के आगे तो, सारा जग भी छोटा है

ॐ सांई राम


बादशाह भी तू
फ़कीर भी तू
साधू भी तू
और पीर भी तू
कोई मिटा न सके जिसे
हाथो की वो लकीर तू
तू समाया हे सब में
साईं सब की तकदीर  तू
बाबा जी के 11  वचन 
1.     जो शिरडी में आएगा,आपद दूर भगायेगा
2.     बड़े समाधि की सीडी पर, पाव तले दुःख की पीडी पर
3.     त्याग शरीर चला जाऊँगा ,भक्त हेतु भागा आऊँगा
4.     मन मे रखना पूरण विश्वास ,करे समाधि पूरी आस
5.     मुझे सदा जीवित ही जानो ,अनुभव करो सत्य पहचानो
6.    मेरी शरण आ खाली जाये,होतो कोई मुझे बताये
7.    जैसा भाव रहा जिस जन का,वैसा रूप रहा मेरे मन का
8.    भार तुम्हारा मुझ पर होगा,वचन न मेरा झूठा होगा
9.    आ सहायता ले भरपूर ,जो माँगा वह नही है दूर
10.  मुझमें लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य वे भकत अनन्य ,मेरी शरण तज जिसे न अन्य.



माँ की ममता के आगे तो,
सारा जग भी छोटा है

Thursday 27 March 2014

श्री साँई सच्चरित्र - अध्याय 20


ॐ सांई राम


आप सभी को साँई रसोईं छत्तरपुर की ओर से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है|

हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 20
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विलक्षण समाधान . श्री काकासाहेब की नौकरानी द्घारा श्री दासगणू की समस्या का समाधान ।
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श्री. काकासाहेब की नौकरानी द्घारा श्री. दासगणू की समस्या किस प्रकार हल हुई, इसका वर्णन हेमाडपंत ने इस अध्याय में किया है ।

Wednesday 26 March 2014

श्री सच्चिदानंद सदगुरु साईनाथ महाराज की जय

 ॐ साईं राम


हे साईनाथ हम सब भक्त अज्ञानी हैं मूर्ख हैं पापी हैं मोह माया में फसे गलतियों के पुतले हैं | हमें कुछ नहीं पता की हम क्या करें परन्तु जो भी हैं चाहे बुरे या अच्छे हैं चाहे सच्चे या झूठे हैं हम आपके बच्चे आपकी शरण में हैं, आपकी आज्ञा और आशीर्वाद के साथ | हमारा कोई नहीं है न इस दुनिया में और न इस दुनिया के बाद, न इस जीवन में और न इस जीवन के बाद | आप के बिना हम शून्य हैं हमारी कोई पहचान नहीं है | आप ही हमारा एकमात्र सहारा हो, हमारा विश्वास हो, हमारी सद्बुधि हो, हमारी हिम्मत हो, हमारे कर्म और कर्मों का फल हो, हमारी सुख और संपत्ति हो | हमारे सदगुरु हो, हमारे भगवान हो मालिक हो, और हमारी सर्वश्रेष्ठ सर्वोतम मंजिल हो | आपके सिवा कहाँ जाना है | आप हमारे हर कार्य करने वाले हो, हमारा तो केवल नाम है, यह नाम देने वाले भी आप ही हो | आप हमारे साथ हर पल हो, हमारे रक्षक हो, माता पिता हो, हर मुश्किल और बुराई लोभ, घमंड, मोह , माया, ईर्षा से बचाने वाले हो |जब आप हमारे साथ हर पल हो तो डरना क्यों, पर यह मन जो फिर भी भटकता रहता है इसे भी शांत कर के अपनी भक्ति में लगाने वाले आप हो | आप जो करते हो वो ही सत्य, अटल और सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि आप ही जानते हो की हमारे लिए आपके बच्चों और भक्तों के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा | आप हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ,सर्वोतम और मोक्ष का रास्ता बनाते हो, रास्ता दिखाते हो, रास्ते पे चलना सिखाते हो और हाथ पकड़ कर चलाते भी हो | आप हमारी परीक्षा लेते हो और आप ही हमें परीक्षा में पास करते हो | आप ही अपने भक्तों बच्चों को मान सम्मान दिलाते हो और आप आपने भक्तों बच्चों का मान सम्मान बड़ाते भी हो | आप ही बुरे विचारों को मन से दूर् करके अच्छे विचारों को मन में घर कराते हो | आप ही हमें इस लायक बनाते हो कि हम जहाँ भी जाएँ सब को खुशियाँ दे सकेँ सब के काम आ सकें | आप ही हमें इस लायक बनाते हो कि शांत और सच्चे मन से आप की भक्ति करते रहें और दूसरों को भी शांत और सच्चे मन से भक्ति करने की प्रेरणा दे सकेँ | आप ही अपना स्थान बनाते हो , आप ही अपना सत्संग कराते हो और हमें अपनी सेवा में शामिल भी करते हो | आपकी आज्ञा और आशीर्वाद के बिना ना कोई शिर्डी आ सकता है और ना छोड़ सकता है | आपकी आज्ञा और आशीर्वाद हमारे साथ सदा है | साईनाथ केवल आप से ही मांगना, आप की तरफ देखना है, आप की भक्ति करनी है और आप को ही प्रार्थना करनी है | हम आपके सदा ऋणी हैं, शुक्रगुजार हैं और आपकी शरण में हैं | हमारा हाथ आपके हाथ में है | आपने हमारा हाथ सदा के लिए अपने हाथ में पकड़ा हुआ है | हमारा शुरू और अंत आप से ही है. हमें सदा क्षमा करने वाले दयावान आप ही हो |

श्री सच्चिदानंद सदगुरु साईनाथ महाराज की जय

Tuesday 25 March 2014

राष्ट्र एकता के लिए... भगवन शिर्डी आये..

ॐ सांई राम


दो सदियों के बाद में
वैमनस्य बढ़ जाये
हिन्दू-मुस्लिम एकता
खतरे में पढ़ जाये.
सभी को हमारी ॐ साईं राम ...
इस दूरी को पाटने
प्रघट हुए साईश
एक होए भगवन जी
अल्लाह हो या ईश.
ॐ श्री साईं नाथाये नमः ....
राम रहीमा एक ही
साईं में हम पाए
राष्ट्र एकता के लिए
भगवन शिर्डी आये...

Monday 24 March 2014

फकीरी सच्ची बादशाही अमीरी से लाख सवाई गरीबो का अल्हा भाई

ॐ साईं राम



श्री साई बाबा कभी-कभी कहा करते थे कि फकीरी सच्ची बादशाही अमीरी से लाख सवाई गरीबो का अल्हा भाई  फकीरी ही सच्ची अमीरी है । उसका कोई अन्त नहीं । जिसे अमीरी के नाम से पुकारा जाता है, वह शीघ्र ही लुप्त हो जाने वाली है - श्री साई सच्चरित्र

Sunday 23 March 2014

मेरे दिल की ख्वाहिश

ॐ साईं राम

साईं तेरे दरबार से कोई खाली न जाए,
जो आये एक बार, इसी दर का हो जाए |


बाबा इस दरबार की कोई नहीं है काट,
धनी हो या ग़रीब हो, तुम रहे हो खुशियाँ बाँट |
प्याला श्रद्धा-सबूरी का जो पीये इक बार,
कोई कष्ट न आये उस पर हो जाए उद्धार |
साईं तेरे प्यार को ये मन तरस रहा,
आंसू ऐसे छलक रहे जैसे बादल बरस रहा |
इन आंसुओं का बाबा मेरे कुछ तो मूल्य डाल,
कुछ ऐसा अब कर दे तेरे दर पे आऊं हर साल |
साईं तेरे दरबार में कोई कमी नहीं,
बन जाऊं चाकर तेरा तो कोई ग़मी नहीं |
साईं तेरे दरबार की गर नौकरी मिल जाए,
सच कहता हूँ बाबा फिर मुझे और कुछ न भाये |
तेरे दर की चौखट को सदा रहूँगा चाट,
रोटी देना- न देना फिर कोई नहीं है बात |
तेरे दर पर प्राण ये निकलें यह इच्छा है मेरी,
बाबा उस समय जल्दी आना न लगाना देरी |

Saturday 22 March 2014

इसी तरह साईं प्रभु की माया बड़ी अपार

ॐ सांई राम



जग अनंत, बदले नहीं
सत्य सिद्ध यह सार
इसी तरह साईं प्रभु की
माया बड़ी अपार



... कौन रहे मात-पिता
ज्ञात ना जनम दिनांक
जन्म, उम्र साईं प्रभु की
अनुमान से आंक.

बाबा को जानने के लिए इन संदेशो को निरंतर पढ़े.

Friday 21 March 2014

जो जन करे रक्त-दान

ॐ सांई राम


जो जन करे रक्त-दान
 
पावे सुख, शांति और मान
 
साईं सवारे उसका जीवन
 
जिसके रक्त से बच जावे जान.

Thursday 20 March 2014

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 18/19


ॐ सांई राम


आप सभी को साँई रसोईं छत्तरपुर की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं, हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |

हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 18/19 -
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श्री हेमाडपंत पर बाबा की कृपा कैसे हुई । श्री साठे और श्रीमती देशमुख की कथा, आनन्द प्राप्ति के लिये उत्तम विचारों को प्रोत्साहन, उपदेश में नवीमता, निंदा सम्बंधी उपदेश और परिश्रम के लिए मजदूरी ।
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Wednesday 19 March 2014

साईं जी की आँखों से काम लेते हैं ........

ॐ साईं राम


साईं की आँखों से काम लेते हैं,

साईं के दामन को थाम लेते है |
 
दूर होती हैं सारी मुश्किलें,
 
जब साईं बाबा का दिल से नाम लेते हैं |


 अब तो ऐसा हाल है भक्तो,बन गए हम तो बाबा के,

बाबा का भी मन नहीं लगता,बिन पगले दीवानों के |
 
अलग कोई अब कर न सके,बंधन यह ऐसा बन्ध गया रे,
 
चल गया चल गया चल गया रे,बाबा का जादू चल गया रे |

Tuesday 18 March 2014

ओ शिर्डी वाले बाबा मैं तेरा हो गया

ॐ साईं राम


जब से मुझको साईं तेरी भक्ति मिली ...
मेरे मुरझाये मन में हैं कलियाँ खिली ...
जो न सोचा कभी था वही हो गया ..
ए शिर्डी वाले बाबा मैं तेरा हो गया ....


धन दौलत न चाँदी सोना दे ,
बाबा अपने चरणों में मुझे एक कोना दे ,
(((साईं))) तेरी सेवा ही मेरी जागीर हो ,
मन-मंदिर में बस तेरी ही तस्वीर हो

Monday 17 March 2014

तेरा दामन छोडू कैसे

ॐ सांई राम

फूल भरे है दामन दामन
लेकिन वीरान गुलशन गुलशन
अक्ल की बातें करने वाले
क्या समझेगे दिल की धड़कन
कौन किसी के दुःख का साथी
आपने आसू अपना दामन
सांई,तेरा दामन छोडू कैसे
मेरी दुनिया तो बस तेरा दामन

जय सांई राम!!!

 मेरे बाबा तेरी रहमत की भीख मांगते हैं हम
मेहरबान कोई न तुझ सा है यह भी जानते हैं हम
 एक बस तू ही सुनने वाला है फ़रियाद टूटे हुए दिल की
झुकाया सर जो सजदे में,हो गयीं ये आँखें नम
ख़ुशी में भूल जाते हैं,मिले लेकिन जो ग़म कोई
दामन फैला कर तेरे दर पर चले आते हैं हम
सुना है बिन मांगे मिलता है दरबार-ए-इलाही में
कैसे जायेंगे भला हो के मायूस तेरे घर से हम
कहाँ जाएँ तेरे बन्दे न हो तू यूं ख़फा हमसे
  " हिमेंद्र " हैं गुनाहों पर, तू करदे अब उस पे करम

Sunday 16 March 2014

सभी जीवों में साईं है

ॐ साईं राम


सभी जीवों में साईं है
होते सभी समान,
सेवा कर सब जीवों की
यही साईं का ज्ञान |
सदा  अमीरी  न  रहे  
श्रंगार लुप्त  हो  जाये,  
एक  फकीरी  है  अमर 
साईं  तक  ले  जाये |

ॐ श्री साईं नाथाये नमः

Saturday 15 March 2014

मेरा साईं कहंदा है गुस्सा त्यागो

ॐ साईं राम

अपने साईं नूं कोई समझ न पाया
लीला उस दी अपरम्पार
फूल वी उगाए ते कंडे वी लगाए
पतझड़, सावन, सर्दी, गर्मी , 
नाल बनाई बसंत-बहार
सुख-दुख है सब उस ने बनाए
कारन-करावन वाला ओ आप
मेरा साईं कहंदा है गुस्सा त्यागो
नफरत छड दो ,करो सब न नूं रज रज प्यार
साईं दी कहानियाँ नूं पड़ के समझो
समझ समझ के हो जाओ तैयार
हुन प्रेम -प्यार नूं मन विच वसाओ
गुस्सा -नफरत , लालच- लोभ,
अंदरों कड के मारों बाहर
जय साईं राम!!!

Friday 14 March 2014

मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै

ॐ साईं राम 

इक नज़र मेहर दी तक लै
मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै 
मैं होर किसे तों की लैना
तेरे दर दा हो के जी लैना
इक वारी पल्ला फड लै
मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै
मैं दर तेरे ते मर जावां
तेरे नाम ए जिंदगी कर जावां
इक वारी पल्ला फड लै
इक वारी दर ते सद लै
मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै
मैं चन्गा हाँ या मंदा हाँ 
बस नाम तेरे विच रंगा हाँ
मेरी जिन्दडी दा पल्ला फड लै
मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै
तेरे इश्क ने नच्चन ला दित्ता
नच्चन दा नहीं सी वल मैनू
पैरां विच घुंघरू पा दित्ता
तेरे इश्क ने मंगन ला दित्ता
मंगने दा नहीं सी वल मैनू
हथ विच कांसा फडवा दित्ता
इक वारी दर ते सद लै 
मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै
जिदा विच शिर्डी दे डेरा ए
ओ सिर दा साईं मेरा ए
मैं होर किसे तो की लैना
तेरे दर दा हो के जी लैना
इक वारी दर ते सद लै
मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै

Thursday 13 March 2014

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 16/17

ॐ सांई राम


आप सभी को साँई रसोईं छत्तरपुर की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |

हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा | किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है |


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 16/17
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शीघ्र ब्रहृज्ञान की प्राप्ति
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इन दो अध्यायों में एक धनाढ्य ने किस प्रकार साईबाबा से शीघ्र ब्रहृज्ञान प्राप्त करना चाहा था , उसका वर्णन हैं ।


Wednesday 12 March 2014

साईं बाबा जी ने कहा था :

ॐ सांई राम


साईं बाबा जी ने कहा था :

"मै तुम्हारे ह्रदय मे विराजमान हूँ, सभी जीवित प्राणियों के ह्रदय में, मै ही व्याप्त हूँ"

"चाहे इस संसार में तुम कही भी जाओ, में हर जगह तुम्हारे साथ ही जाता हूँ | तुम्हारा ह्रदय ही मेरा घर है; में तुम्हारे अंत:करण में निवास करता हूँ" |

"चाहे इस संसार में तुम कही भी जाओ, में हर जगह तुम्हारे साथ ही जाता हूँ | तुम्हारा ह्रदय ही मेरा घर है; में तुम्हारे अंत:करण में निवास करता हूँ" |


मुझे सबसे ज्यादा प्यारा वो भक्त है जो हर किसी जरुरतमंद इंसान की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता हो और हर किसी के सुख और दुःख में शामिल होता हो और किसी गरीब, बेसहारा जरुरतमंद इंसान की मदद करना ही तो मेरी भक्ति करना है ......अल्लाह मालिक !!

Tuesday 11 March 2014

तेरा हाथ जिसने पकड़ा

ॐ साईं राम

तेरा हाथ जिसने पकड़ा वो रहा न बेसहारा
दरिया में ड़ूब कर भी उसे मिल गया किनारा
सद्गुरु से जो मिला है कहीं और क्या मिलेगा
ये ऐसा सिलसिला है भगवान जा मिलेगा
डूबा जो प्रेम सागर मिलता उसे किनारा
तेरा हाथ जिसने पकड़ा वो रहा न बेसहारा
मन खोजता उसी को जिसने इसे सवांरा
जब भी जुबान खोली उसका ही नाम आया
सुनता है प्रभु उसीकी जिसने उसे पुकारा
तेरा हाथ जिसने पकड़ा मिलता उसे किनारा
झूठी है सारी दुनिया झूठी है इसकी बातें
झूठा है रूप इसका झूठी सारी ज़माते
समझाया जिंदगी ने बड़े काम का इशारा
तेरा हाथ जिसने पकड़ा उसे मिल गया किनारा

Monday 10 March 2014

बाबा की द्वारिकमाई

ॐ साईं राम  

मेरे साईं नाथ की महिमा बड़ी निराली है
बाबा से जिसने प्यार किया
उसके घर में मनती रोज दिवाली है
मेरे साईं नाथ की महिमा बड़ी निराली है
उसके दर पे बनके आया जो भी सवाली है
बाबा ने उस पे रहमत बरसा डाली 
बाबा से जिसने जो माँगा उसकी बात कभी न टाली है
आ यहाँ जो खाली जाये हो तो कोई मुझे बताये
बाबा की द्वारिकमाई से मिलती सबको निवाली है
बाबा के शिर्डी आने से हुई जग में उजयाली है
तुम भी जाकर दर्शन कर लो
वहा सबको किस्मत बदलने वाली है
मेरे साईं नाथ की महिमा बड़ी निराली है

Sunday 9 March 2014

कौन है बाबा साईं ???

ॐ साईं राम


कौन है बाबा साईं ???

ये समझाया और समझा जा नहीं सकता है....

पर इतनी बात तो पक्की है कि मेरा साईं मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च में नहीं है....

मेरा साईं मूर्ति, पत्थर या कागज़ में नहीं है....

मेरा साईं भगवा कपड़ों में नहीं है....

मेरा साईं नदियों, गुफाओं या पहाड़ों में भी नहीं है....


फिर कहाँ है मेरा साईं, मेरा बाबा ??? 

चलो मैं ही बताता हूँ...

मेरा साईं हर किसी के अन्दर है..
मेरे साईं एक विशवास है....एक नियम है....एक एहसास है....एक सच है..
जिस मन में साईं है ...वो मन ही मंदिर है..
किसी में भी साईं जैसे गुणों का होना ही साईं का होना है..
जैसे सूरज औरों के लिए जलता है..
जैसे जल औरों को जीवन देता है..
जैसे हवा औरों को सकून देती है..
जैसे धरती माँ औरों को सब कुछ देती है..
जैसे पेड़ अपने फल औरों को देते है..
ठीक वैसे ही जो इन्सान सब औरों के लिए करता है..
वो ही साईं है |

Saturday 8 March 2014

इतना है क़र्ज़ मेरे साईं का

ॐ साईं राम


मैं कितना भी कर लूं साईं के लिए

फिर भी मैं ये मोल न चुका पाउँगा

इतना है क़र्ज़ मेरे साईं का 

मैं सात जन्म भी न चुका पाउँगा

कितने है उपकार मुझ पर साईं के 

वो मुझे क्या से क्या बना गए