ॐ सांई राम
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साईं कृपा अवतरण
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साईं नाम ज्योति
कलश, हे जग का आधार |
चिंतन ज्योति
पुंज का, करियें बारम्बार ||1||
सोते जागते साईं
कह, आते जाते नाम |
मन ही मन से
साईं को, शत शत करे प्रणाम ||2||
सुखदा हैं
शुबहा कृपा, शक्ति शांति स्वरुप |
हैं सत्य
आनंद मई , साईं कृपा अनूप ||3||
देव दनुज नर
नाग पशु, पक्षी कीट पतंग |
सब में साईं
सामान हैं, साईं सभी के संग ||4||
साईं नाम वह नाव हैं , उस पर हो असवार |
भले ही दुस्तर
हैं बड़ा, करता भवसागर पार ||5||
मंत्रमय ही मानिए,
साईं राम भगवान |
देवालय हैं
साईं का, साईं शब्द गुण खान ||6||
साईं नाम आराधिये,
भीतर भर ये भाव |
देव दया
अवतरण का , धार चौगुना चाव ||7||
साईं शब्द को
ध्यायिये, मन्त्र तारक मान |
स्वशक्ति
सत्ता जग करे, वुपरी चक्र को यान ||8||
जीवन विरथा
बीत गया, किया न साधन एक |
कृपा हो मेरे
साईं की, मिले ज्ञान विवेक ||9||
बाबा ने अति
कृपा किनी, मोहे दीयो चाहो समझाई |
अहंकार को
छोड़ो भाई, जो तुम चाहो भलाई ||10||
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं===
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