ॐ साईं राम
दर दर मैं तो भटक रहा था …
दर दर मैं तो भटक रहा था …
अपना बनाया साईं ने |
कई जन्मो से तड़प रहा था ...
अपना बनाया साईं ने ...
मुझे अपनाया साईं ने |
अपना बनाया साईं ने |
कई जन्मो से तड़प रहा था ...
अपना बनाया साईं ने ...
मुझे अपनाया साईं ने |
ख़ुद खाया तो क्या खाया,
अपनी भूख बुझाय |
जो भूखों को खाना दे,
अपनी भूख बुझाय |
जो भूखों को खाना दे,
वो साईं को भाये |
**********************************
**********************************
***********************************
No comments:
Post a Comment