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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Tuesday, 10 June 2014

श्री साईं लीलाएं - श्री साईं परिचय व जीवन गाथा

ॐ सांई राम


कल हमनें पढ़ा था.. शिरडी वाले श्री साईं बाबा जी

श्री साईं लीलाएं

श्री साईं परिचय व जीवन गाथा


शिरडी गाँव की वृद्धा जो नाना चोपदार की माँ थी उसके अनुसार एक युवा जो अत्यन्त सुन्दर नीम वृक्ष के नीचे समाधि में लीन दिखाई पड़ाअति अल्प आयु में बालक को कठोर तपस्या में देख कर लोग आश्चर्य चकित थेतपस्या में लीन बालक को सर्दी-गर्मी व वर्षा की जरा भी चिंता न थी| आत्मसंयमी बालक के दर्शन करने के लिए अपार जन समूह उमड़ने लगा|यह अदभुत बालक दिन में किसी का साथ नहीं करता थाउसे रात्रि के सुनसान वातावरण में कोई भय नहीं सताता था| "यह बालक कहाँ से आया था?" यह प्रश्न सबको व्याकुल कर देता थादिखने में वह बालक बहुत सुन्दर थाजो उसे एक बार देख लेता उसे बार बार देखने की इच्छा होतीवे इस बात से हैरान थे कि यह सुन्दर रूपवान बालक दिन रात खुले आकाश के नीचे कैसे रहता हैवह प्रेम और वैराग्य की साक्षात् मूर्ति दिखाई पड़ते थेउन्हें अपने मान अपमान की कभी चिंता नहीं सताती थीवे साधारण मनुष्यों के साथ मिलकर रहते थेन्रत्य देखतेगजल व कवाली सुनते हुए अपना सिर हिलाकर उनकी प्रशंसा भी करतेइतना सब कुछ होते हुए भी उनकी समाधि भंग न होतीजब दुनिया जागती थी तब वह सोते थेजब दुनिया सोती थी तब वह जागते थेबाबा ने स्वयं को कभी भगवान नहीं मानावह प्रत्येक चमत्कार को भगवान का वरदान मानतेसुख - दुःख उनपर कोई प्रभाव न डालते थेसंतो का कार्य करने का ढंग अलग ही होता हैकहने को साईं बाबा एक जगह निवास करते थे पर उन्हें विश्व एक समस्त व्यवहारों व व्यापारों का पूर्ण ज्ञान था|

क़ल चर्चा करेंगे... और विष उतर गया

ॐ सांई राम

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