श्रधा सबुरी
ॐ साईं राम
इक रमता जोगी आयो री,
वो राम मिलन से प्रीत क़ि राह जाने,
और घट घट आप समायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
ना कोई डमरू न त्रिशूला,
ना ही तिलक लगाया,
तन पे भभूती नहीं रमाई,
ना ही अलक जगाया,
कुछ मांगन नाही देवन आयो जी,
इक चिमटा झोला उठायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
खेल निराले साईं जी ने शिर्डी में दिखलाये,
कडवे नीम को मीठा किया पानी से दिए जलाये,
वो ब्रह्मज्ञान सबको करवायो जी,
और आप वो शिव का सायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
नर सेवा नारायण सेवा और धरम नहीं दूजा,
मोक्ष को पाना तो करलो अपने साईं क़ि पूजा,
गागर में सागर भर लायो जी,
कानू का मान बढायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
वो राम मिलन से प्रीत क़ि राह जाने,
और घट घट आप समयों जी,
इक रमता जोगी आयो री,
वो राम मिलन से प्रीत क़ि राह जाने,
और घट घट आप समायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
ना कोई डमरू न त्रिशूला,
ना ही तिलक लगाया,
तन पे भभूती नहीं रमाई,
ना ही अलक जगाया,
कुछ मांगन नाही देवन आयो जी,
इक चिमटा झोला उठायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
खेल निराले साईं जी ने शिर्डी में दिखलाये,
कडवे नीम को मीठा किया पानी से दिए जलाये,
वो ब्रह्मज्ञान सबको करवायो जी,
और आप वो शिव का सायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
नर सेवा नारायण सेवा और धरम नहीं दूजा,
मोक्ष को पाना तो करलो अपने साईं क़ि पूजा,
गागर में सागर भर लायो जी,
कानू का मान बढायो जी,
इक रमता जोगी आयो री,
वो राम मिलन से प्रीत क़ि राह जाने,
और घट घट आप समयों जी,
इक रमता जोगी आयो री,
आप सभी को साईं वार की हार्दिक शुभकामनाये !
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रह्म साईं नाथ महाराज की जय !
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