जब जब तुम्हे पुकारा
मुझे देख मुस्कुराये
मेरे साईं चले आये
जब कहर की आंधी आई
और कदम डगमगाए
मेरे साईं चले आये
मेरे बाबा चले आये
मेरे साईं जब भी मैंने
तनहा खुद को पाया
तुने ही सर पे मेरे
बनाया अपना साया
जब घोर तूफां आये
और दिल मेरा घबराये
मेरे साईं चले आये
मेरे साईं चले आये
दर्शन की जब तमन्ना
मुझे हर घडी सताए
भक्ति की राह पर जब
कदम चल न पाए
कभी राम बन के आये
कभी शाम बन के आये
मेरे बाबा चले आये
मेरे बाबा चले आये
माया की डंकिनी ने
जब जब मुझे सताया
मुझे अपनी ओर खींचकर
मेरे क़दमों को भटकाया
कभी संत बन के आये
या फकीर बन के आये
मेरे साईं चले आये
मेरे साईं चले आये
भजन प्रस्तुति बहन रविंदर जी के कर कमलों द्वारा
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