ॐ सांई राम
जब से अपनी आँख खुली हैं
दिन उजला हैं, और सब उजाला हैं
जागे भाग्य हमारे (२)
साईं बाबा..............
सदियों से हैं परदे दिल पर
आ पहुंचे अपनी मंजिल पर
आखिर तेरे सहारे (२)
साईं बाबा..............
हम तडपत हैं तेरे दर्शन को
मांगत है तुजसे तेरे मन को
कबसे हाथ पसारे (२)
साईं बाबा..............
खोज मैं तेरी नीर बहाए
जाने और कहाँ ले जाये
इन अँखियाँ के धारे (२)
साईं बाबा..............
हम क्या हैं सब जान लिया हैं
कहना तेरा मान लिया हैं
तुम जीते हम हारे (२)
साईं बाबा..............
हर संकट हर पीड़ा को देखो
भक्त जानो की पीड को देखो
कोई ना पत्थर मारे (२)
साईं बाबा..............
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