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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Friday 5 October 2012

श्री साईं-कथा आराधना (भाग-14 )

ॐ सांई राम

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श्री साईं-कथा आराधना (भाग-14 )
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श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए


जिसने भी साईं बाबा को दिल से जब था पुकारा,
साईं ने दिया उसको तुरंत बढ़ के सहारा।
साईं को जब भी श्रद्धा से तुम याद करोगे,
तब ही साईं को अपने पास पाओगे।


वीर-चैनब में जब था भेद समाया,
तो दोनों ने सर्प-मेंडक की योनि को पाया।
इस जन्म में भी दोनों में बैर बढ़ गया,
तब साईं के प्रयत्नों से उनका मतभेद मिट गया ।
हैं धन्य साईंनाथ, उनकी महिमा अति भारी,
हृदय में बस जाये, ऐसी छवि भी है प्यारी।
भगवान भी भक्तों के अधीन हैं रहते,
संकट पड़ता भक्त पे तो पीछे ना रहते।

श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए


बाबा ने अन्नदान को महादान बताया,
भूखे की भूख मिटाने को ही पूजा बताया।
बाबा भक्तों को खुद भोजन करते थे,
खाना खुद पकाते और बांटते भी थे।
कभी-कभी साईं दल-मटुकुले बनाते,
कभी मीठे चावल और पुलाव बनाते।
खाने से पहले मौलवी फातिहा भी पड़ते,
फिर म्हालसापति, तांत्या का हिस्सा अलग ही रखते।
धन्य रहे वे लोग, जिन्होंने ऐसा भोजन खाया,
बाबा का उसके संग आशीष भी पाया।
हे साईंनाथ ऐसा भाग्य सब को ही दे दो,
अमृत रूप में अपनी करुणा सब को ही दे दो।

श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए

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