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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Saturday, 9 March 2013

श्री साईं लीलाएं- गौली बुवा की कथा

ॐ सांई राम


कल हमने पढ़ा था.. बाबा जी का अमृतोपदेश   


श्री साईं लीलाएं






गौली बुवा की कथा  

95 वर्षीय वृद्ध गौली बुवा विठोवा के परमभक्त थे| वे पंढरी के बारकरी में थे| गौली बुवा पूरे वर्षभर में 8 महीने वे पंढरपुर रहते थे और 4 महीने यानी आषाढ़ से कार्तिक मास तक गंगा के किनारे रहा करते थे| गौली बुवा का यह नियम था कि वे प्रत्येक वर्ष सवारी लेकर पंढरपुर जाया करते थे और वहां से वापस लौटते समय साईं बाबा के दर्शन करने के लिए शिरडी भी अवश्य जाया करते थे| सवारी के नाम पर उनके पास एक गधा था जिस पर वे अपना सामान रखा करते थे और एक शिष्य भी उनकी सेवा करने के लिये सदैव उनके साथ रहा करता था|

साईं बाबा के प्रति गौली बुवा के मन में गहन श्रद्धा और विश्वास था| एक बार शिरडी में जब बाबा के दर्शन करने आये तो बाबा को एकटक देखते हुए अचानक ही कहने लगे, ये तो पंढरीनाथ हैं, ये विठ्ठल के अवतार हैं| वही विठ्ठल जो अनाथों के नाथ, दीनदयालु और दिनों के स्वामी हैं|

गौली बुवा ने पंढरी यात्रा के बाद कई बार साईं बाबा में पंढरीनाथ के दर्शन किये थे| इसके अलावा गौली बुवा के अतिरिक्त भी अन्य भक्तों ने साईं बाबा में अपने-अपने ईष्टदेव के दर्शन किये थे| इससे यही सिद्ध होता है कि साईं बाबा दत्तात्रेय के अवतार हैं|


कल चर्चा करेंगे... विट्ठल का दर्शन देना



ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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