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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Saturday 20 April 2013

श्री साईं लीलाएं - मूंगफली से अतिसार से मुक्ति


ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था.. बूटी का रोग छूमंतर

श्री साईं लीलाएं


मूंगफली से अतिसार से मुक्ति

काका महाजनी साईं बाबा के परम भक्त थे| एक बार उन्हें अतिसार का रोग हो गया| अतिसार रोग में बार-बार दस्त होते हैं| बाबा की सेवा में कोई व्यवधान न पड़े इसलिए वे एक लोटे में पानी भरकर मस्जिद के एक कोने में रख देते थे, ताकि परेशानी होने पर शीघ्र बाहर जा सकें| साईं बाबा को सब पता था कि काका को अतिसार का रोग है| परन्तु काका ने बाबा को यह बात न बतायी|

मस्जिद में आंगन बनाने की स्वीकृति मिल जाने पर काम शुरू हो गया| कुछ देर बाद बाबा लेंडी बाग से सैर करके लौटे तो कुदाल की आवाज सुनते ही आगबबूला हो क्रोध में भरकर चिल्लाने लगे| बाबा के क्रोध को देख के वहां उपस्थित भक्तों में भगदड़ मच गई, लेकिन जब काका भागने के लिए उठे तो बाबा ने उनकी कलाई पकड़कर वहीं बैठा लिया| इसी अफरा-तफरी में वहां किसी भागनेवाले की मूंगफली की थैली वहीं पर रह गई| उसमें मूंगफली के भुने हुए दाने भरे हुए थे| बाबा ने उसमें से मुट्ठीभर दाने निकाले और छीलकर काका को खाने को दिए और खुद भी खाने लगे| जब मूंगफली के दाने खत्म हो गये, तब बाबा ने काका से कहा कि मुझे प्यास लगी है| जाओ, जाकर पानी ले आओ|

काका गए और एक घड़ा पानी भर लाए| तब बाबा ने उसमें से पानी पिया और काका को भी पिलाया| फिर इसके बाद बाबा बोले - "आज से तुम्हारे अतिसार की छुट्टी| अब तुम फर्श का काम-काज देख सकते हो|

कुछ देर में ही जो लोग भाग गये थे, वे वापस मस्जिद में लौट आये और आंगन का कार्य फिर से शुरू हो गया| इसके बाद काका को अतिसार की परेशानी नहीं हुई| यह बाबा की लीला ही तो थी जो मूंगफली से अतिसार बढ़ने की बजाय ठीक हो गया|

कल चर्चा करेंगे... ऊदी और आशीर्वाद का चमत्कार

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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