You are visitor No.

शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Friday, 14 June 2013

श्री गुरु अंगद देव जी -साखियाँ - अंतर्यामी श्री गुरु अंगद साहिब जी

श्री गुरु अंगद देव जी -साखियाँ - अंतर्यामी श्री गुरु अंगद साहिब जी


श्री गुरु अंगद साहिब जी की सुपुत्री बीबी अमरो श्री अमरदास जी के भतीजे से विवाहित थी| आप ने बीबी अमरो जी को कहा की पुत्री मुझे अपने पिता गुरु के पास ले चलो| मैं उनके दर्शन करके अपना जीवन सफल करना चाहता हूँ| पिता समान वृद्ध श्री अमरदास जी की बात को सुनकर बीबी जी अपने घर वालो से आज्ञा लेकर आप को गाड़ी में बिठाकर खडूर साहिब ले गई| गुरु अंगद देव जी ने सुपुत्री से कुशल मंगल पूछा और कहा कि बेटा! जिनको साथ लेकर आई हो, उनको अलग क्यों बिठाकर आई हो| गुरु जी उन्हें अपना सम्बन्धी जानकर आगे आकर मिले| पर अमरदास जी कहने लगे कि मैं आपका सिख बनने आया हूँ| आप मुझे उपदेश देकर अपना सिख बनाए| 


लंगर के तैयार होते ही आपको लंगर वाले स्थान पर लेगये| अमरदास जी मन ही मन में सोचने लगे मैं तो कभी मांस नहीं खाता, अगर खा लिया तो प्राण टूट जायेगा| लकिन अगर वापिस कर दिया तो गुरु अपना अनादर समझकर नाराज़ हो जायेगें| हाँ! अगर ये गुरु अंतर्यामी हैं तो अपने आप ही मेरे दिल की बात जान लेगा और लांगरी को मेरे आगे मांस रखने को मना कर देगा| अभी आप के मन में ऐसा विचार आ ही रहा था की श्री गुरु अंगद देव जी ने लंगर बाँटने वाले को इनके आगे मांस रखने को मना कर दिया कि यहे वैष्णव भोजन ही करते हैं| इतना सुनते ही अमरदास जी की खुशी का ठिकाना ना रहा और मन ही मन कहने लगे गुरु जी अंतर्यामी, घट घट की जानने वाले हैं इनको ही गुरु धारण करना चहिये|

No comments:

Post a Comment