श्री गुरु राम दास जी – ज्योति - ज्योत समाना
श्री गुरु रामदास जी परिवार और सिख सेवको को यथा स्थान धैर्य व वाहिगुरु के हुकम में रहने की आज्ञा देकर भादव सुदी तीज संवत 1639 को आप शरीर त्यागकर परम ज्योति में विलीन हो गए|
इस प्रथाए अपने सवैइयों में हरबंस भट्ट ने लिखा है:
देवपुरी महि गयउ आपि परमेस्वर भायउ ||
हरि सिंघासणु दीअउ सिरी गुरु तह बैठायउ ||
काटे सु पाप तिनु नरहु के गुरु रामदास जिनु पाइियउ ||
छत्रु सिंघासणु पिरथमी गुरु अरजन कउ दे आइियउ ||२||
कुल आयु और गुरु गद्दी का समय (Shri Guru Ramdas Ji Total Age and Ascension to Heaven)
श्री गुरु रामदास जी कुल 46 साल 7 दिन शरीर करके संसार में रहें|
आप जी 6 साल 11 महीने 18 दिन गुरु गद्दी पर सुशोभित रहे|
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