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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Wednesday, 26 September 2012

श्री साईं-कथा आराधना (भाग - 6 )

ॐ सांई राम
 
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श्री साईं-कथा आराधना (भाग - 6 )
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श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए

साईं की लीला सुनकर लोग दौड़े आते थे ,
और उनके आगे बैठकर फरियाद सुनाते।
भिक्षा में मिले भोजन को साईं बाँट कर खाते ।कुत्ते बिल्ली को देकर वो तृप्त हो जाते ।
बाबा ने कभी किसी से घृणा ही करी
रोगी और अपाहिज की खुद सेवा ही करी ।
भागो जी की काया में जहाँ -तहां घाव थे भरे ।
वो कोढ़ से पीड़ित हो सह रहे थे कष्ट बड़े ।
साईं - कृपा से भागो जी कष्ट से मुक्ति पा गए
और साईं सेवा करके तो धन्य ही हो गए ।
सचमुच करुणा के अवतार थे साईं ।
हर कष्ट , दुख से जिन्होंने मुक्ति दिलाई ।

श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए

साईं की शरण में जो एक बार आ गया ,
साईं -कृपा को वो तो पल भर में ही पा गया ।
ममता की मूरत बनकर साईं आये थे शिर्डी ।
आँचल की छाँव आज भी वही देती है शिर्डी ।
साईं जी ने दे दी थी कोढ़ी को भी काया ,
फिर भागो जी की सेवा ले के मान बढ़ाया ।
श्री साईं ने कभी दौलत से न कभी प्यार था किया ,
भिक्षा पर ही अपना जीवन बिता दिया ।
गर दक्षिणा जो लेते साईं कभी किसी से
लौटाते उसको अपने हजार हाथों से ।
शिर्डी में एक दिन घोर झंझावत आया ।
बाबा उस पर गरजे और शांत कराया ।


श्री साईं गाथा सुनिए

जय साईं नाथ कहिए

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