ॐ सांई राम
साईं जी की शिर्डी में जो सच्चे मन से आये
बिन माँगे वो सब कुछ पाता खाली हाथ न जाये
जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम
तेरी दया का सागर साईं कभी न होता खाली है
दर पर तेरे आते साईं लाखों रोज़ सवाली हैं
सब की बिनती सुनकर साईं बिगड़ी भी बनाये
बिन माँगे वो सब कुछ पाता खाली हाथ न जाये
जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम
श्रद्धा और विश्वास का दीपक जिसने दिल में जगाया है
उसको अपनी गोद में साईं ने ही सदा बिठाया है
साईं साईं जपने से सब खुशियाँ मिल जायें
बिन माँगे वो सब कुछ पाता खाली हाथ न जाये
जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम
जिसने भी पुकारा जब जब साईं ने दिया सहारा है
तेरी शरण में आकर रहता न कोई बेसहारा है
बीच भंवर से सबकी नैया साईं पार लगाये
बिन माँगे वो सब कुछ पाता खाली हाथ न जाये
जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम
साईं जी की शिर्डी में जो सच्चे मन से आये
बिन माँगे वो सब कुछ पाता खाली हाथ न जाये
जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम जय साईं राम
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