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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Tuesday, 10 September 2013

श्री गुरु तेग बहादर जी – साखियाँ - जिमींदार द्वारा गुरु के वचनों की उलंघना करना

श्री गुरु तेग बहादर जी – साखियाँ



जिमींदार द्वारा गुरु के वचनों की उलंघना करना

एक जिमींदार गुरु तेग बहादर जी की बड़ी श्रद्धा के साथ सेवा करता था| गुरु जी उसकी सेवा पर बहुत खुश थे| उसकी सेवा पर खुश होकर गुरु जी ने वह सारी भेंटा उसको दे दी जो संगत की तरफ से आई थी| गुरु जी ने साथ-साथ यह भी वचन किया कि इस धन से कूआँ लगवाओ और इसके साथ-साथ ही धर्मशाला भी बनवाओ| इसके साथ आपको और कुछ भी करना है| पास ही फलदार वृक्षों का बाग लगवाओ| साथ ही साथ गुरु जी ने यह भी कहा कि इस धन के लालच में मत पड़ना| अगर आप इन्हें अन्य प्रकार से खर्च करोगे तो सब कुछ निष्फल हो जाएगा|

जब गुरु जी चले गए तो जिमींदार को लालच आ गया| उसने लोभ में आकर उस धन का कूआँ अपनी खेती में लगवाने की सलाह कर ली| उसने कारीगरों को बुलाया| कारीगरों को बुलाकर कूएँ का पाड़ खुदवाया| उसमे चक्क उतारा| तो वह वहाँ ही ठहर गया| बहुत जोर लगाया पर चक्क नीचे ना उतरा|

इस कूएँ की खुडल आज तक जिमींदार के खेत में उजाड़ है| इस तरह गुरु जी के वचनों की उलंघना करके जिमींदार ने यह सारा धन ही निष्फल गँवा लिया|

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