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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Friday, 27 September 2013

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी – साखियाँ - ब्राहमणों की परीक्षा करनी

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी – साखियाँ










ब्राहमणों की परीक्षा करनी

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने ब्राहमणों का चुनाव करने के लिए दूर दूर के क्षेत्रों से जैसे कश्मीर, मथुरा, प्रयाग व काशी आदि दक्षिण पूर्व दिशा से सारे पंडितो को आनंदपुर आने के लिए अपने सिख भेजकर बुलवाया|

बहुत से पंडित एकत्रित हो गए| गुरु जी ने उनके लिए एक ओर लंगर में खीर, पूड़े तथा लड्डू आदि तैयार करवाए| दूसरी ओर गुरु जी ने मासाहारी भोजन तैयार करवाया| इसके पश्चात गुरु जी ने सबको कहा कि जो वैष्णव भोजन खीर पूड़े आदि खायेगा उसे पांच रूपये दक्षिणा मिलेगी तथा जो मांस वाला भोजन खायेगा उसे पांच मोहरे दक्षिणा मिलेगी|

गुरु जी के यह वचन सुनकर बहुत से पंडित मांस खाने वाले लंगर में जाकर बैठ गए| बाकी थोड़े से ही वैष्णव भोजन खीर पूड़े वाले लंगर में रह गए| दोनों लंगर में सबने भोजन खा लिया|

गुरु जी ने मासाहारी ब्राहमणों को सम्बोधित करके कहा कि तुमने लोभवश होकर अपना ब्राहमण धर्म भ्रष्ट किया है| मांस खाना क्षत्रियों का धर्म है ब्राहमणों का नहीं| इस करके तुम्हें पांच-पांच मोहरों की जगह पांच-पांच रूपये दक्षिणा दी जाती है|

इसके पश्चात गुरु जी ने वैष्णवों को कहा कि तुमने लोभवश होकर अपना ब्राहमण धर्म नहीं छोड़ा जो कि लोक व परलोक में सहायक होता है| तुम्हें शाबाश है| उनको गुरु जी ने प्रसन्न होकर पांच - पांच मोहरे दक्षिणा दी| आपने बड़े ही सत्कार से उनको विश्राम कराया|

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