ॐ साईं राम
साईं की महिमा
साईं की महिमा
दूर खड़ा तू देख रहा
सबके मन का भाव
पल भर में तू कर दे
पूरी मन की आस
आस बन जाती
दिल का एक अरमान
दिन की शुरुवात होती
लेकर तेरा नाम
तेरा नाम जप कर
दिल हो जाए मालामाल
तेरी किरपा से
खुल जाए स्वर्ग के दरबार
हर दरबार की चादर में
जड़े हुए है हीरे मोती
जिसकी चमक से
मिल जाती मन को मुक्ति
मन की मुक्ति पाकर
मिल जाए साईं का आशीष
आत्मा तृप्त हो जावे
मिल जावे दिल को आराम
दिल का आराम पाकर
धन्य हो जावे जीवन
जिसकी करूणा कथा को पढ़कर
दिल हो जावे बेकरार
बेकरार दिल एक ही गाथा गावे
जय साईंराम, जय-जय साईंराम
सबके मन का भाव
पल भर में तू कर दे
पूरी मन की आस
आस बन जाती
दिल का एक अरमान
दिन की शुरुवात होती
लेकर तेरा नाम
तेरा नाम जप कर
दिल हो जाए मालामाल
तेरी किरपा से
खुल जाए स्वर्ग के दरबार
हर दरबार की चादर में
जड़े हुए है हीरे मोती
जिसकी चमक से
मिल जाती मन को मुक्ति
मन की मुक्ति पाकर
मिल जाए साईं का आशीष
आत्मा तृप्त हो जावे
मिल जावे दिल को आराम
दिल का आराम पाकर
धन्य हो जावे जीवन
जिसकी करूणा कथा को पढ़कर
दिल हो जावे बेकरार
बेकरार दिल एक ही गाथा गावे
जय साईंराम, जय-जय साईंराम
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