ॐ साईं राम
मेरे हृदय में तुम वास करो कभी दूर न मुझसे जाना
यह तन मन अपना सौंप तुम्हे अपना आदर्श है माना
ज्ञान का दर्शन फैलाओ मन के मंदिर में सवेरा
उद्धार करो अब मेरा उद्धार करो अब मेरा
तेरे रूप का वर्णन करना जियो सूरज को दीप दिखाना
इन शुभ चरणों के सिवा नहीं जग में कोई और ठिकाना
मुझे अपने चरणों में रख लो रहूँ बन के दास मैं तेरा
उद्धार करो अब मेरा उद्धार करो अब मेरा
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