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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Monday, 7 July 2014

श्री साईं लीलाएं- बाबा जी का अमृतोपदेश

ॐ सांई राम





कल हमने पढ़ा था.. रोहिला के प्रति प्रेम   

श्री साईं लीलाएं

बाबा जी का अमृतोपदेश


एक समय की बात है जब दोपहर की आरती के बाद भक्त अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे थे तो तब बाबा ने उन्हें अपनी सुमधुर वाणी में अमृतोपदेश देते हुए कहा - "तुम कहीं भी रहोकुछ भी करोलेकिन इतना याद रखो कि तुम जो कुछ भी करते होतुम्हारी हरेक करतूत की खबर सदैव मुझे रहती हैमैं ही सब जीवों का स्वामी हूं और मैं सबके हृदयों में वास करता हूंसंसार के जितने भी जड़-चेतन जीव हैंवे मेरे ही उदर में समाए हुए हैंइस समस्त ब्रह्माण्ड का नियंत्रण व संचालन करने वाला भी मैं ही हूंमैं ही संसार की उत्पत्ति करता हूंमैं ही इसका पालन-पोषण करता हूं और मैं ही इसका संहार करता हूंलेकिन जो लोग मेरी भक्ति करते हैंउन्हें कोई भी कुछ भी संकट नहीं आयेगालेकिन जो मेरी भक्ति से विमुख रहते हैंउसे माया अपने मकड़जाल में फंसा लेती हैइस संसार में सारे जीव-जंतुसंसार में दृश्यमानविद्यमान जो कुछ भी हैवह सब मेरा ही प्रतिरूप है|"
बाबा आगे कहते हैं - "इन कथाओं को एकाग्र भाव सेप्रेम और श्रद्धा-विश्वास रखकर सुनने और स्मरण करने तथा व्यक्ति का रहस्य समझने पर जन्म-जन्मान्तरों के दु:खों से मुक्ति प्राप्त होगीसाईं कृपा का बादल तुम पर बरसेगा और शुद्ध ज्ञान (आत्म-ज्ञान) तुम्हारे अंदर जागेगाव्रत और नियमन करोउपवास करके शरीर को कष्ट मत दोतीर्थ-तीर्थ भटकने की भी आवश्यकता नहीं हैसिर्फ साईं बाबा की लीलाओं का श्रवण करोऐसा करने से तुम्हारे अज्ञान का नाश होकर मुक्ति का मार्ग खुलेगा
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कल चर्चा करेंगे..गौली बुआ की कथा


ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें । 

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