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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Monday, 4 August 2014

श्री साईं लीलाएं - डॉक्टर को बाबा में श्री राम के दर्शन

ॐ सांई राम




कल हमने पढ़ा था.. मुले शास्त्री को बाबा में गुरु-दर्शन

श्री साईं लीलाएं
डॉक्टर को बाबा में श्री राम के दर्शन
     
एक बार एक तहसीलदार साईं बाबा के दर्शन करने के लिए शिरडी आये थेउनके साथ एक डॉक्टर जो उनके मित्र थेवे भी आये थेडॉक्टर रामभक्त और जाति से ब्राह्मण थेवे राम के अतिरिक्त और किसी को न मानते और पूजते थेवे अपने तहसीलदार दोस्त के साथ इस शर्त पर शिरडी आये थे कि वे न तो बाबा के चरण छुएंगे और न ही उनके आगे सिर झुकायेंगेन ही वे उन्हें इस बात के लिए मजबूर करेंक्योंकि बाबा यवन (मुसलमान) हैं और वे श्रीराम के अलावा किसी के आगे सिर नहीं झुकातेशिरडी पहुंचकर जब दोनों साईं बाबा के दर्शन करने के लिए मस्जिद गयेतो तहसीलदार से पहले उनके डॉक्टर मित्र आगे गये और बाबा के चरणों में गिरकर वंदना करने लगेयह देखकर तहसीलदार को बड़ा आश्चर्य हुआअन्य सब उपस्थित लोग भी अचरज में डूब गयेकुछ देर बाद जब उन्होंने डॉक्टर से इस बारे में पूछा कि आपने अपना इरादा कैसे बदल लिया तब डॉक्टर ने उन्हें बताया कि बाबा के स्थान पर उन्हें उनके इष्ट श्रीराम जी खड़े दिखाई दिये और उनकी मोहिनी सूरत देखकर मैं तुरंत उनके चरणों में गिर पड़ाजब वह ऐसा कह रहे थे तो उस समय साईं बाबा खड़े मुस्करा रहे थेसाईं बाबा को खड़े देख डॉक्टर को बहुत आश्चर्य हुआ कि कहीं वह कोई स्वप्न तो नहीं देख रहे हैं उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ और वे बोले कि साईं बाबा को मुसलमान कहना मेरी बहुत बड़ी भूल थीबाबा तो पूर्ण योगावतार हैं|
अगले दिन से उन्होंने उपवास करना शुरू कर दिया और प्रण किया कि जब तक बाबा स्वयं मस्जिद बुलाकर आशीर्वाद नहीं देंगेतब तक मस्जिद नहीं जाऊंगाउन्हें प्रण किए तीन दिन बीत गएचौथे दिन उनका खान देश में रहनेवाला मित्र आयामित्र से कई वर्षों के बाद मिलने पर वह बहुत खुश हुएअपने मित्र के साथ डॉक्टर मस्जिद गएजब डॉक्टर बाबा की चरण वंदना करने के लिए झुकेतो बाबा ने कहा - "तुम तो मस्जिद नहीं आने वाले थेफिर आज कैसे आये ?" बाबा के वचनों को सुनकर डॉक्टर को अपना प्रण याद आयाउनका हृदय द्रवित हो उठा और आँखों में आँसू भर आये|
उसी रात को साईं बाबा ने डॉक्टर पर अपनी कृपादृष्टि की तो उन्हें सोते हुए ही परमानंद की अनुभूति हुई और वे 15 दिनों तक उसी आनंद में डूबे रहेउसके बाद वे साईं बाबा की भक्ति के रंग में रंग गये|

कल चर्चा करेंगे..जो मस्जिद में आया, सुखी हो गया    

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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