ॐ सांई राम
शिर्डी के साँई प्रभु
सन्त रूप अवतार
साँई लीला श्रवन से
भव सागर हो पार।
राजा, राजकुमार बन
लिये कई अवतार
किन्तु फकीरा रूप में
आये पहली बार।।
।।आप सभी को गुरु-पुर्णिमा की हार्दिक बधाईयाँ।।
शिर्डी के साँई प्रभु
सन्त रूप अवतार
साँई लीला श्रवन से
भव सागर हो पार।
राजा, राजकुमार बन
लिये कई अवतार
किन्तु फकीरा रूप में
आये पहली बार।।
।।आप सभी को गुरु-पुर्णिमा की हार्दिक बधाईयाँ।।
तुझको पुकारू मै .... साईंयां
दीप जलाये , नैन जगाये , क्यों ना आये साईंयां तुझको पुकारू मै .... साईंयां
काहे ना आये ..........साईंयां
दीप जलाये , नैन जगाये , क्यों ना आये साईंयां तुझको पुकारू मै .... साईंयां
तुझको पुकारूँ में ..........साईंयां..........साईंयां ..........साईंयां
मुझसे भूल हुई क्या ऐसी
मुझसे क्यों दूर खड़ा |
एक नज़र मुझपर भी कर ले
चरणों में मै हूँ पड़ा |
जीव का रब से नाता क्या है ,
साईं तू आ के बता |
तुझको पुकारूँ मै , राह निहारूं मै ,
दीप जलाये, नैना जगाये , क्यों ना आये साईंयां
तुझको पुकारूँ में ..........साईंयां..........साईंयां ..........साईंयां
दरस को तरसे नैना मेरे
एक झलक तो दिखा |
क्यों इतना मुझको तरसाए
मुझपे कृपा बरसा |
भटका हूँ अपनी राह से साईं
आ के तू राह दिखा |
हाल सुनाऊं मै, आंसू दिखाऊँ मै ,
दामन फैलाये , आस लगाये , सुन के तो आ जा साईंयां
तुझको पुकारूँ मै , राह निहारूं मै ,
दीप जलाये, नैना जगाये , क्यों ना आये साईंयां
तुझको पुकारूँ में ..........साईंयां..........साईंयां ..........साईंयां
॥ य़ह भजन आपकी नज़र, बहन रविन्दर जी के सौजन्य से ॥
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