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श्री साईं-कथा आराधना (भाग - 11 )
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श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
शिर्डी में एक बार भजन मंडली आई
भजनों से धन कमाने का संग लक्ष्य भी लाई
मंडली बहुत ही सुन्दर भजन गाती थी
उनमें से एक स्त्री बाबा पे श्रद्धा रखती थी
श्री राम रूप में उसे दर्शन भी दे दिए
निज ईष्ट के दर्शन से वह द्रवित हो गई
आँखों से उसके आंसुओं की धारा बह गई
वो प्रेम में डूब-डूब नाचने लगी
खुश हो-हो कर ताली बजाने लगी
श्री साईं के चरणों में फिर ऐसी दृष्टि गड़ गई
मन से वह शांत, स्थिर और संतृप्त हो गई
श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
शिर्डी आना-जाना सब साईं के वश में
भक्तों की चाह को वो पूरी करते हैं पल में
उनकी इच्छा बिना न कोई शिर्डी से जा सका
साईं की मर्ज़ी के बिना ना शिर्डी ही आ सका
काका जी एक बार आना चाहते थे शिर्डी
बाबा की इच्छा से ही शामा संग आ गए शिर्डी
बाबा की छवि देख काका तृप्त हो गए
लीलाएं उनकी सुनकर शरणागत ही हो गए
ठीक ऐसे ही बाबा ने रामलाल को कहा
सपने में उसके शिर्डी आने को कहा
गद्गद् हो कर रामलाल शिर्डी आ गया
फिर शिर्डी से कहीं और नहीं वो गया
श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
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