श्री साईं-कथा आराधना (भाग -13)
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श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
किस काम में भक्तों का भला साईं ही जानते
हर भक्त को सदा इसलिए वो ही काम कराते
भक्तों के लिए कल्पतरू हैं श्री साईंनाथ
असंभव को संभव बनाते श्री साईंनाथ
बाबा की कृपादृष्टि से वो भरा-पूरा था
बाबा की लीलाएं किसी की समझ में न आईं
शामा हेतु रामदास की पोथी चुराई
रामदास हठी था, वो शामा से भिड़ गया
बाबा के समझाने पर वह शांत हो गया
निज पोथी के बदले पंचरत्नी गीता थी पाई
दोनों के लिए क्या सही, ये जानते थे साईं
श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
जब कष्ट अधिक देने लगी नासूर की पीड़ा
तब पिल्लई जी दुखी हो गए और अति अधीरा
वे मन ही मन बाबा से विनती करने लगे
जहां में तुम सा कोई नहीं कहने ये लगे
बाबा ने अचानक उसे मस्ज़िद में बुलाया
और अब्दुल को ही उसका चिकित्सक था बनाया
फिर अब्दुल का पैर घाव पे पड़ गया
समझाने-बुझाने का तो वक्त ही निकल गया
पहले पिल्लई चिल्लाए, फिर शांत हो गए
और गाने की मस्ती में वो खो गए
जहां में नुमायां तेरी ही शान है
तू ही दीनों आलम का सुल्तान है
श्री साईं गाथा सुनिए
जय साईंनाथ कहिए
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