ॐ सांई राम
तुम ही राम तुम ही श्याम साईं नाथ मेरे
दूर किये तुमने मेरी राह के अँधेरे
तुम ही राम तुम ही श्याम साईं नाथ मेरे
जितने कष्ट रुलाने वाले
भाग्य ने मुझ को सब दे डाले
वार किये अपनों ने ऐसे
बैरी भी नहीं करते जैसे
तुम थे एक रक्षक लोग सब लुटेरे
तुम ही राम तुम ही श्याम साईं नाथ मेरे
संकट मोचन नाम तुम्हारा
सब के लिए है धाम तुम्हारा
आ जाते हैं लोग जो शिर्डी
बन जाती है उनकी बिगड़ी
चरणों में तुम्हारे वरदानों के बसेरे
तुम ही राम तुम ही श्याम साईं नाथ मेरे
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