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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Tuesday 3 September 2013

श्री गुरु तेग बहादर जी – साखियाँ - हडियाए नगर, बुखार रोग दूर करना

श्री गुरु तेग बहादर जी – साखियाँ



हडियाए नगरबुखार रोग दूर करना


गुरु तेग बहादर जी हडियाए नगर पहुँचे वह नगर से बाहर बरगद के पेड़ के नीचे आ ठहरे| उस समय गाँव का एक बीमार आदमी लेता हुआ था|बुखार के साथ उसकी हडियाँ टूट रही थी| गुरु तेग बहादर जी ने पुछा इसको घर क्यों नहीं ले जाते?

उसको घर वालों ने कहा की महाराज! गाँव में बुखार का बड़ा जोर है,कोई विरला ही बचा है|बहुत लोग मार भी गये है|

वह पास ही पानी का एक जौहड़ था| गुरु जी कहा कि इस इसमें स्नान करा दो| बुखार भी उतर जायेगा|उन्होंने गुरु जी का वचन माना| बीमार व्यक्ति को उठा कर जौहड़ में स्नान कराया गया| उसका बुखार शीघ्र ही उतर गया|बीमार आदमी भी स्वस्थ हो गया|

इस बात का पता जब गाँव वालों को लगा तो वो सरे बीमार लोगों को लेकर गुरु जी के पास ले आये|सबको जौहड़ में स्नान कराया गया| सभी स्वस्थ हो गये| यह कौतक देखकर सभी दंग रह गये| सभी भेंट लेकर गुरु जी के दर्शन करने आने लगे|सतिनाम का उपदेश ले कर सिख बन गये|

गुरु जी यह एक धर्मशाला व लंगर चलाने का हुक्म देकर आगे चल दिए| इस जौहड़ को संगत ने पक्का सरोवर करा दिया,जिसका नाम "गुरुसर " प्रसिद्ध है|संगत ने गुरु जी कि आज्ञा अनुसार धर्मशाला भी तैयार कर दी|

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