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शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Wednesday 11 June 2014

श्री साईं लीलाएं - और विष उतर गया

ॐ सांई राम


 कल हमने पढ़ा था.. श्री साईं परिचय व जीवन गाथा
श्री साईं लीलाएं
  
और विष उतर गया



बाबा को द्वारिकामाई मस्जिद में आए अभी दूसरा ही दिन था कि अचानक मस्जिद के दूसरे छोर पर शोर मच गया - "काट लिया! काट लिया! काले नाग ने काट लिया|"

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क्या हुआ?" साईं बाबा एकदम से चौंककर खड़े हो गए और शोर मचाने वाले से पूछा|

"
दामोदर को नाग ने काट लिया साईं बाबा!" एक व्यक्ति ने सहारा देकर दामोदर को उठाते हुए कहादामोदर की हालत एकदम से खराब होती जा रही थीउसका सारा शरीर नीला पड़ता जा रहा थामुंह से झाग आने लगी थी|

"
मत चढ़...मत चढ़...!" साईं बाबा बोले|

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कहां गया नाग?"

"
इस बिल में घुस गया है|" एक व्यक्ति ने मस्जिद के एक कोने में एक बिल की ओर हाथ से इशारा करते हुए कहाउस बिल को देखकर साईं बाबा बड़े जोर से हँसकर बोले - "वाह रे लीलाधर! बड़ी विचित्र है तेरी लीलायह तो नेवले का बिल हैनेवला अभी इस नाग के टुकड़े-टुकड़े करके रख देगा|" सभी व्यक्ति साईं बाबा की ओर हैरानी से देखने लगे|फिर साईं बाबा दामोदर के पास आये और उसके पास बैठकरउसके पैर पर ऊपर से नीचे की ओर हाथ फेरते हुए कहने लगे - "उतर जा... उतर जा...|"बाबा के ऐसा कहते ही दामोदर के अंगूठे से नीले-नीले रंग की बूंदें तेजी से गिरने लगींवहां उपस्थित लोगों को यह समझते देर न लगी कि यह बूंदें उसी नाग के जहर की हैं|यह देखकर सबको बहुत आश्चर्य हो रहा था कि नाग का जहर तो तेजी से ऊपर की ओर चढ़ता जाता है|उन्होंने सांप काटने की अनेक घटनाएं देखी थींपरऐसा पहली बार देखा था कि जहर शरीर में फैलने की बजाय बूंद-बूंद का जख्म से ही टपकने लगा हो|बाबा दामोदर के डंसे हुए पैर पर हाथ फेरते रहे और जहर बूंद-बूंद करके नीचे की ओर टपकता गयाथोड़ी देर बाद बूंदों का नीला रंग धीरे-धीरे लाली में बदल गया|कुछ देर बाद बाबा ने कहा - "दामोदर के शरीर से अब सारा जहर निकल गया हैअब चिन्ता करने की कोई बात नहीं हैयह अब ठीक है|"फिर उन्होंने दामोदर से पूछा - "अब कैसा लग रहा हैदामोदर?"

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अब मेरी तबीयत ठीक है बाबा|" दामोदर ने कहा और साईं बाबा के पैरों से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगाबोला -"आपने मुझे बचा लिया साईं बाबा! आपकी कृपा से ही आज मेरी जान बच पायी है|"यह घटना सबके लिए महान् आश्चर्य का विषय थीसभी ने यह चमत्कार अपनी आँखों के सामने होते देखा था|साईं बाबा के होठों पर मुस्कराहट थिरक रही थी|उनके इस चमत्कार की चर्चा सारे गांव में हो रही थी|अब लोगों को विश्वास होने लगा कि साईं बाबा वास्तव में ही कोई अवतारी पुरुष हैं|सभी धर्मों के लोग दूर-दूर से उनके पास आने लगे|
शुक्रवार को हम चर्चा करेंगे..साईं बाबा की जय-जयकार
ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===

बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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