बादशाह औरंगजेब के शहिजादे का गुरु जी से प्रभावित होना
राजा जयसिंह ने जब बादशाह को यह बताया कि गुरु जी ने मेने बंगले में निवास कर लिया है तो दूसरे ही दिन उसने अपने शहिजादे को गुरु जी के पास भेज दिया| शहिजादे ने बादशाह की ओर से गुरु जी को भेंट अर्पण की और माथा टेका| उसने गुरु जी से यह प्रार्थना की कि बादशाह आपके दर्शन करना चाहते हैं| पर गुरु जी आगे से कहने लगे कि हमारा प्रण है कि हम किसी बादशाह के माथे नहीं लगेंगे|
शहिजादे गुरु जी से बातचीत करके बहुत प्रभावित हुआ| उसने यह सारी बात बादशाह को बताई कि गुरु जी उम्र में चाहे बच्चे हैं परन्तु उनकी सूझ-बूझ वृद्धों वाली है| इस प्रकार शहिजादा गुरु हरि कृष्ण जी से प्रभावित हुए बिना ना रह सका|
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