ॐ सांई राम
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तेरी शरण में आया हूँ साईं, मुझको अब तुम दे दो सहारा
छोड़ न देना बीच भवर में, दिखला दो न मुझको किनारा
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राह में तेरी पलकें बिछाए, बैठा हूँ कब से आस लगाए
रहता है यह दिल बेचैन सा हरपल, हरपल तुम्हारी याद सताए
आजाओ तुमको पुकारूँ, रस्ता साईं भूल गए क्यूँ रस्ता हमारा
तुमको पुकारे रस्ता निहारूँ, भूल गए क्यूँ रस्ता हमारा
भटक रहा था तेरे बिना मैं, अब जो मिले हो तो जाने न दूँगा
तुमको रखूँगा दिल में छुपा के, तेरी धुन में मैं खोता रहूँगा
साईं सँग मेरे रहना हर पल हर क्षण, थामे ही रखना हाथ हमारा
तेरी शरण में आया हूँ साईं, मुझको अब तुम दे दो सहारा
भक्ति तुम्हारी तुम मुझे दे दो, मुक्ति जहाँ से मुझे मिल जायेगी
खिल जायेगी हर कली दिल की, इच्छा न कोई रह जायेगी
सुन लो न साईं श्रद्धा सुमन और, सबुरी के गुण से भर दो न यह दामन हमारा
तेरी शरण में आया हूँ साईं, मुझको अब तुम दे दो सहारा
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