ॐ सांई राम
करो कबूल, करो कबूल
करो कबूल हमारा प्रणाम साइ जी
तुम्हारी एक नज़र हो तो बात बन जाए
अँधेरे मैं भी किरण, रौशनी की लेहेराए
के तुमने सबके बनाए हैं काम साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
तुमसे करता हूँ मोहबात कहा जाऊँ मैं
इस ज़माने मैं कोई तुमसा कहा पाऊ मैं
जब से देखा है के तुम दिल मैं बसे साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
किसी गरीब को, खाली ना तुम ने लौटाया
वोह झोली भर के गया, खाली हाथ जो आया
इसीलिए तो है तुम्हारा है नाम साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
तुम्ही तो हो जो गरीबों का हाल सुनते हो
तमाम दर्द के मारो का दर्द, सुनते हो
जभी तो आता हैं हर ख़ास आम साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
करो कबूल हमारा प्रणाम साइ जी
तुम्हारी एक नज़र हो तो बात बन जाए
अँधेरे मैं भी किरण, रौशनी की लेहेराए
के तुमने सबके बनाए हैं काम साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
तुमसे करता हूँ मोहबात कहा जाऊँ मैं
इस ज़माने मैं कोई तुमसा कहा पाऊ मैं
जब से देखा है के तुम दिल मैं बसे साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
किसी गरीब को, खाली ना तुम ने लौटाया
वोह झोली भर के गया, खाली हाथ जो आया
इसीलिए तो है तुम्हारा है नाम साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
तुम्ही तो हो जो गरीबों का हाल सुनते हो
तमाम दर्द के मारो का दर्द, सुनते हो
जभी तो आता हैं हर ख़ास आम साइ जी
तुम्हारे दर पे ..................
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