ॐ सांई राम
सदा सदा साईं
पिता मन में करो निवास
सच्चे हृदय
से करूँ तुमसे यह अरदास
कारण करता
आप हो सब कुछ तुम्हारी दात,
साईं भरोसे
में रहूँ तुम ही हो पितुमात || सदा || 1
विषयों में में
लीन हूँ पापों का नहीं अंत,
फिर भी तेरा
तेरा हूँ राख लियो भगवंत
राख लियो हे
राखन हारे साईं गरीब निवाज,
तुझ बिना तेरे
बाल का कौन संवारे काज || सदा || 2
दया करो
दया करो दया करो मेरे साईं,
तुझ बिन मेरा
कौन है बाबा इस जग माहि
मैं तो कुछ
भी हूँ नहीं सब कुछ तुम हो नाथ,
बच्चों के
सर्वस्व तुम साईं सदा रहो मेरे साथ || सदा || 3
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं===
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