ॐ सांई राम
तेरे दर पे तो मै, आया साईं
मै हार गया, मेरे साईं
मै पा न सका , कोई ठिकाना
पूजा नहीं , तेरी मूरत को
घिरता ही रहा मैं पापों से
जलाया नहीं , दीपक कभी
साईं मेरे इन हाथों ने
फिर भी सुनो साईं अफसाना
कहते सभी, देता पनाह
तू मुझसे बे पनाहों को
गर शरण तेरी, आ जाएँतो
तू माफ़ करे है गुनाहों को
मैंने न कभी था पहचाना
मेरे ही तो दुष्कर्मों ने
मुझको ये दिन दिखलाया है
कोई तो बात रही होगी
जो तूने मुझे बुलाया है
समझ न मुझे अब बेगाना
तेरे दर पे तो मै, आया साईं
अब मुझको तू न ठुकराना
मै हार गया, मेरे साईं
मै पा न सका , कोई ठिकाना
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