ॐ सांई राम
मिले जिसे साईं का परसाद, तो समझो उसने किया है याद
कोई माने या ना माने, मगर यही कहे गुरु उस्ताद
मिले जिसे साईं का परसाद, तो समझो उसने किया है याद
एक हाथ में लोभ की गठड़ी, एक हाथ में माला है
धन के ग़म में घूमे खुद को, इस दुविधा में डाला है
वोही सुनेगा तेरा रोना, वोही तेरी फ़रियाद
मिले जिसे साईं का परसाद, तो समझो उसने किया है याद
किसी से भी नफरत न कर तू, किसी की छाँव और धूप न देख
सब हैं उसके फूल और पौधे, किसी का रंग और रूप न देख
वोही मात-पिता है सबका, सब उसकी औलाद
मिले जिसे साईं का परसाद, तो समझो उसने किया है याद
शमा बेचारी चले अकेली, तू कैसा परवाना है
उसके द्वार पे जान चढ़ा, चाहे लोग कहें दीवाना है
एक नई मंजिल आएगी, जनम मरण के बाद
मिले जिसे साईं का परसाद, तो समझो उसने किया है याद
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा की कृपा आप पर सदा बरसती रहे ।
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