ॐ सांई राम
अगर हाथ रख दे मेरे सर पे साँई
ये फूलों कि दुनिया, ये खारों की दुनिया
ये लालच में भटके विचारों की दुनिया |
अगर पी सकूँ साईं मस्ती का अमृत
किसी बेखुदी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ राख दे .....
ये लालच में भटके विचारों की दुनिया |
अगर पी सकूँ साईं मस्ती का अमृत
किसी बेखुदी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ राख दे .....
दया कि है तुमने तो, हर बार कर दो
मेरी ज़िन्दगी पे ये उपकार कर दो |
अगर छोड बैठू में दामन तुम्हारा
तो इस ज़िन्दगी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ रख दे .....
मेरी ज़िन्दगी पे ये उपकार कर दो |
अगर छोड बैठू में दामन तुम्हारा
तो इस ज़िन्दगी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ रख दे .....
पुजारी जहाँ लुट लेते है मंदिर
कभी झाकते भी नही अपने अंदर |
खुदा की ज़रूरत है ऐसी ज़मीं पर
यहाँ आदमी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ रख दे .....
कभी झाकते भी नही अपने अंदर |
खुदा की ज़रूरत है ऐसी ज़मीं पर
यहाँ आदमी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ रख दे .....
चलेंगे यहाँ से तेरे काम करके
कभी ना रहेंगे अंधेरों से दर के |
अगर साथ हो साईं बाबा का दीपक
किसी रोशनी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ रख दे .....
कभी ना रहेंगे अंधेरों से दर के |
अगर साथ हो साईं बाबा का दीपक
किसी रोशनी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ रख दे .....
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